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कैट में बड़े बदलाव की तैयारी

आइआइएम में इंजीनियरिंग के छात्रों के दबदबे को कम करने और हर क्षेत्र के छात्रों का दाखिला सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख बिजनेस स्कूल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कैट) में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। कैट 2012 के संयोजक और आइआइएम कोझीकोड़ में प्रोफेसर एसएसएस कुमार का कहना है कि कैट में कुछ बदलाव अन्य

By Edited By: Published: Tue, 16 Oct 2012 09:53 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2012 10:04 AM (IST)
कैट में बड़े बदलाव की तैयारी

नई दिल्ली। आइआइएम में इंजीनियरिंग के छात्रों के दबदबे को कम करने और हर क्षेत्र के छात्रों का दाखिला सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख बिजनेस स्कूल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (कैट) में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। कैट 2012 के संयोजक और आइआइएम कोझीकोड़ में प्रोफेसर एसएसएस कुमार का कहना है कि कैट में कुछ बदलाव अन्य छात्रों के लिए भी मददगार होंगे। कुमार ने हालाकि ज्यादा जानकारी देने से इन्कार करते हुए कहा कि अभी योजना का खाका खींचा जा रहा है। साथ ही पूरी योजना पर विचार-विमर्श जारी है।

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उन्होंने कहा कि इस साल कैट में भाग लेने वाले 2.14 लाख अभ्यर्थियों में 67 फीसद (1.44 लाख) से ज्यादा छात्र इंजीनियरिंग के हैं। आइआइएम कोझीकोड़ के निदेशक देबाशीष चटर्जी का कहना है कि बदलावों का उद्देश्य बड़े स्तर पर बेहतरीन कौशल और सबसे अच्छे दिमागों का चयन करना है। प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाले प्रोमेटिक इंडिया के प्रबंध निदेशक सौमित्र रॉय ने बताया कि 6 नवंबर तक चलने वाली परीक्षा के तहत अब तक 36 हजार छात्र हिस्सा ले चुके हैं।

परीक्षार्थियों में 17 हजार छात्र तीसरी या चौथी बार हिस्सा ले रहे हैं। इस साल कृषि व आर्किटेक्चर क्षेत्र के छात्रों का प्रतिशत भी बढ़ा है। इस साल प्रवेश परीक्षा में 486 डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों की तादाद 17.3 फीसद, अनुसूचित जाति की पाच फीसद और अनुसूचित जनजाति की 7.4 फीसद पहुंच गई है। महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा 31,040 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। दूसरे स्थान पर 25,270 छात्रों के साथ उत्तर प्रदेश और तीसरे पर 21,507 छात्रों के साथ दिल्ली है।

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