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'राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो दुश्मन के घर में कार्रवाई कर सकती है वायुसेना', एयर चीफ ने कहा- देश की सुरक्षा में है वायु शक्ति की अहम भूमिका

वायुसेना ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला बोला था। पाकिस्तान की वायुसेना ने अगले दिन ही जम्मू-कश्मीर में अनेक सैन्य प्रतिष्ठानों पर निशाना साधा था लेकिन वे असफल रहे थे। वायुसेना प्रमुख ने कहा मानव इतिहास में आकाश को अक्सर आश्चर्य और अन्वेषण का क्षेत्र माना गया है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Published: Wed, 27 Mar 2024 09:09 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2024 09:09 PM (IST)
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बुधवार को कहा कि बालाकोट जैसे अभियानों ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो दुश्मन की सीमा से परे जाकर हवाई ताकत दिखाई जा सकती है। 'भविष्य के संघर्षों में हवाई शक्ति' विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जैसे-जैसे देश तेजी से अंतरिक्ष-आधारित संसाधनों पर निर्भर हो रहे हैं, अंतरिक्ष का सैन्यीकरण अपरिहार्य वास्तविकता बन गई है।

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वायुसेना ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला बोला था। पाकिस्तान की वायुसेना ने अगले दिन ही जम्मू-कश्मीर में अनेक सैन्य प्रतिष्ठानों पर निशाना साधा था, लेकिन वे असफल रहे थे।

'आकाश को अक्सर आश्चर्य और अन्वेषण का क्षेत्र माना गया'

वायुसेना प्रमुख ने कहा, मानव इतिहास में आकाश को अक्सर आश्चर्य और अन्वेषण का क्षेत्र माना गया है। यहां सपने उड़ान भरते हैं और सीमाएं विशाल नीले विस्तार में विलीन हो जाती हैं। फिर भी इस शांति के नीचे प्रतिस्पर्धा से भरा एक क्षेत्र है।

वायु शक्ति राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख घटक

यहां हवाई श्रेष्ठता के लिए प्रतिस्पर्धा ने कई देशों की नियति को आकार दिया है और कई युद्धों के नतीजे तय किए हैं। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे हम इन अज्ञात आसमानों में यात्रा कर रहे हैं, वायु शक्ति राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख घटक होने के नाते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह राष्ट्रीय शक्ति के प्रतीक और शांति तथा सहयोग के लिए एक उपकरण के रूप में भी काम करेगी।

भविष्य की लड़ाई अलग तरीके से लड़ी जाएगी

वीआर चौधरी ने कहा, हम सभी को मानना होगा कि भविष्य की लड़ाई अलग तरीके से लड़ी जाएगी। भविष्य के संघर्ष गतिशील और स्थिर बलों के प्रयोग, उच्च स्तर की युद्ध स्थल पारदर्शिता, बहुआयामी परिचालन, उच्च स्तर की सटीकता, अधिक घातक होने आदि के मिले-जुले रूप पर आधारित होंगे। निश्चित रूप से इन सभी पर मीडिया की पैनी नजर होगी। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियानों के लिए अंतरिक्ष एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के तौर पर उभरा है जहां निर्बाध संचार और निगरानी क्षमताएं आधुनिक सैन्य बलों की क्षमता को बढ़ाएंगी।

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