आधार है तो नहीं चाहिए जन्मतिथि एवं पते का दस्तावेज
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा आवेदन में जन्मतिथि के लिए दसवीं की अंकसूची आवश्यक तौर पर मांगी जाती है, लेकिन किसी कारणवश अंकसूची उपलब्ध नहीं है तो ईसीआर का विकल्प मौजूद है।
भोपाल, नईदुनिया। पासपोर्ट बनवाने के लिए अब जन्मतिथि व पते संबंधी दस्तावेज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके लिए आधार कार्ड ही पर्याप्त होगा। पासपोर्ट बनाने में 'आधार' को जो़ड़ने से दस्तावेज संबंधी जटिलताएं कम हो गई हैं। इसे दिखाने पर जन्मतिथि और पता बताने वाले दस्तावेज की पूर्ति हो जाएगी। हालांकि पासपोर्ट के लिए अभी विदेश मंत्रालय ने 'आधार' की अनिवार्यता नहीं की है।
जन्मतिथि के लिए भी दसवीं की अंकसूची नहीं है तो भी पासपोर्ट बन सकेगा। मध्यप्रदेश में पासपोर्ट बनवाने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। पासपोर्ट कार्यालय में हर साल डेढ़ लाख से अधिक आवेदक पहुंच रहे हैं। मंत्रालय ने दो साल में पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए कई औपचारिकताएं कम की हैं। अभी इसके लिए 'आधार' की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन आधार कार्ड है, तो जन्मतिथि और पते के दस्तावेज में छूट मिल सकेगी।
अंकसूची न हो तो ईसीआर विकल्प
पासपोर्ट कार्यालय द्वारा आवेदन में जन्मतिथि के लिए दसवीं की अंकसूची आवश्यक तौर पर मांगी जाती है, लेकिन किसी कारणवश अंकसूची उपलब्ध नहीं है तो इमिग्रेशन चैक रिक्वायर्ड (ईसीआर) पासपोर्ट बनाए जाने का विकल्प मौजूद है। इस श्रेणी के तहत प्राय: श्रमिक अथवा ऐसे उम्रदराज के पासपोर्ट बनते हैं, जिनके पास अंकसूची न हो अथवा गुम गई हो।
पुलिस वेरिफिकेशन हो जल्दी
विदेश मंत्रालय एवं पुलिस मुख्यालय का सारा जोर पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट (पीवीआर) में लगने वाले समय को घटाने पर है। अभी इसमें दो सप्ताह तक लग जाते हैं। इसलिए पासपोर्ट बनने में तीन सप्ताह तक लगते हैं।
ऑनलाइन आएगी रिपोर्ट
प्रदेश के दूरस्थ थानों से भी पीवीआर जल्दी तैयार कराने के लिए विदेश मंत्रालय ने 'एम पासपोर्ट एप' लागू किया है। इसमें प्रदेश के हर थाने से आवेदक की पीवीआर ऑनलाइन पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचाई जाएगी। वहां से यह रिपोर्ट उसी दिन पासपोर्ट कार्यालय आ जाएगी। इस प्रक्रिया में 3-4 दिन का अधिकतम समय लगेगा। यह व्यवस्था लागू होने के बाद पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया एक सप्ताह में ही सिमट जाएगी।
आधार को भी देंगे मान्यता
मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मनोज कुमार राय ने बताया कि आधार कार्ड की मान्यता पहचान के रूप ज्यादा दी जा रही है। जन्मतिथि और पते के लिए दूसरे दस्तावेज न हों तो प्रकरण के हिसाब से आधार को भी हम मान्यता देंगे।
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