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लोगों को बड़ी राहत, बुकिंग के बाद नहीं आई कैब तो कंपनी पर लगेगा भारी जुर्माना

एग्रीगेटर पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान किए गए हैं। इसमें मोटर कैब ऑटो रिक्शा एवं मोटर साइकिल भाड़े पर देने वाली एजेंसी शामिल की गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 06:46 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 08:36 AM (IST)
लोगों को बड़ी राहत, बुकिंग के बाद नहीं आई कैब तो कंपनी पर लगेगा भारी जुर्माना

ग्वालियर, जेएनएन। ओला, उबर, जुगनू, स्पीडो सहित अन्य कैब सर्विस की निगरानी को लेकर दो साल से अटकी एग्रीगेटर पॉलिसी को 9 सितंबर से प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इसमें नियम है कि बुकिंग के बाद ड्राइवर ने राइड कैंसल कर दी तो कंपनी पर एक हजार रूपये जुर्माना लगेगा।

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अभी अमूमन ड्राइवर बुकिंग करने वाले से यात्रा के बारे में फोन पर ही पूछताछ कर बुकिंग कैंसल कर देते हैं। नई पॉलिसी के बाद ऐसा नहीं कर पाएंगे। पॉलिसी में यह नियम भी जोड़ा गया है कि कैब एजेंसी को अधिक संख्या में महिला चालकों की नियुक्ति करनी होगी, जिससे महिला सवारी को महिला ड्राइवर ही भेजी जा सके। इसके अतिरिक्त वाहन में महिला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सेन्ट्रल लॉकिंग सिस्टम प्रतिबंधित किया गया है। 

बता दें कि 2017 में मोटर कैब, ऑटो रिक्शा तथा मोटर साइकिल (भाड़ा पर देने) को लेकर एक पॉलिसी तैयार की गई थी, लेकिन लागू नहीं हो सकी थी। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद इसे थोड़े बदलाव के बाद 9 सितंबर से लागू कर दिया गया है। एग्रीगेटर पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान किए गए हैं। इसमें मोटर कैब, ऑटो रिक्शा एवं मोटर साइकिल भाड़े पर देने वाली एजेंसी शामिल की गई है। 

एजेंसी को स्वच्छ ईधन, लेड रहित पेट्रोल या सीएनजी से ही वाहन का संचालन करना होगा। अब बिना अनुमति प्रदेश में कैब एजेंसी का संचालन नहीं हो सकेगा। यदि किसी चालक ने यात्री से दु‌र्व्यवहार किया तो परिवहन विभाग संबंधित एजेंसी या चालक के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, जिसमें पंजीयन निरस्त करना तक शामिल है। 

यात्रियों के लिए सुविधा एवं सुरक्षा
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कैब के ड्राइवर का फोटो, नाम, नंबर सबकुछ होगा। कंपनी को ऐसा उपकरण लगाना होगा, जिससे यात्री को वर्तमान स्थिति का पता चल सके, आपातकाल में पुलिस से संपर्क भी कर सके। प्रत्येक यात्री को यात्रा खत्म होने पर बिल देना होगा। कैब के अंदर भी ड्रायवर एवं वाहन का पूरा विवरण लिखा होना चाहिए।  वाहन में सभी हेल्पलाइन नंबर लिखना जरूरी होगा।  गाड़ी में काले कांच या पर्दे नहीं लगे होना चाहिए। 

 कंपनियों पर कसेगी नकेल
कैब कंपनी का फर्म एवं कंपनी में रजिस्टर्ड होना चाहिए। आरटीओ मुख्यालय में पूरा ब्योरा, ई-मेल, कार्यालय प्रभारी की जानकारी देना होगी। मोटर कैब के लिए दस लाख, ऑटो रिक्शा के लिए 2 लाख की धरोहर राशि बैंक गारंटी के रूप में देना होगी। वेब पोर्टल या एप के माध्यम से कैब सर्विस संचालित की जाएगी। ड्राइवर एवं स्टाफ का पुलिस वैरिफिकेशन जरूरी है। वेब पोर्टल संधारित करना होगा, जिसमें कंपनी, वाहन एवं स्टाफ की पूरी जानकारी होगी। वाहनों में जीपीएस डिवाइस होना अनिवार्य है। 25 वाहन स्वयं या अनुबंध के होना चाहिए, तभी कंपनी रजिस्टर्ड हो सकेगी। 

परिवहन विभाग के आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि एग्रीगेटर पॉलिसी लागू हो चुकी है। इसमें कैब सर्विस को नियमों के दायरे में लाया गया है। साथ ही यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

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