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चलेगा राहुल का रिमोट, मगर कौन बनेगा कांग्रेस का पीएम?

जयपुर के चिंतन शिविर में ही खुद को जज बता चुके कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब धीरे-धीरे संगठन-सरकार के मामलों में फैसले लेने की तरफ बढ़ने लगे हैं। पहले सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, फिर प्रदेश सरकारों और नेताओं के बाद जिला स्तर पर सबको धीरज से सुनने के उपरांत राहुल ने कांग्रेस की तीन सबसे बड़ी कमजोरी छ

By Edited By: Published: Thu, 07 Mar 2013 03:17 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2013 03:18 PM (IST)

नई दिल्ली। जयपुर के चिंतन शिविर में ही खुद को जज बता चुके कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब धीरे-धीरे संगठन-सरकार के मामलों में फैसले लेने की तरफ बढ़ने लगे हैं। पहले सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, फिर प्रदेश सरकारों और नेताओं के बाद जिला स्तर पर सबको धीरज से सुनने के उपरांत राहुल ने कांग्रेस की तीन सबसे बड़ी कमजोरी छांटी हैं। पहली संवादहीनता, दूसरा समन्वय न होना और तीसरा प्रदेश कार्यसमितियों द्वारा कार्यक्रमों को ठीक से अमल में नहीं लाना। राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें पीएम पद की इच्छा नहीं है। यह खबर सत्ता के गलियारों में कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे रही है।

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि मिशन लोकसभा 2014 में कांग्रेस बहुमत के करीब होता है तो राहुल गांधी पीएम बनेंगे। लेकिन यदि कांग्रेस को बहुमत के लिए बड़ा गठजोड़ करना पड़ा तो परिवार के इतिहास पर नजर डालें तो पीएम रिमोट कंट्रोल वाला ही होगा। गहराई से देखने पर पता चलता है कि उनके परिवार के हालिया इतिहास का असर पीएम पद को लेकर उनकी हिचकिचाहट की वजह हो सकता है। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने 2004 में प्रधानमंत्री पद को ठुकराते हुए मनमोहन सिंह को इस अहम ओहदे से नवाजा था। कांग्रेसी इसे सोनिया गांधी का महान त्याग बताते हैं। लेकिन इस प्रयोग के नतीजे की भी जमकर आलोचना होती रही है।

अब सवाल यह उठता है कि यदि कांग्रेस बहुमत के करीब नहीं होती हैं तो कांग्रेस किसको पीएम बनाएगी?

ए. के. एंटनी

राजनीतिक गलियारों में ए. के. एंटनी की खूब चर्चा होती है। एंटनी की सबसे खास बात उनकी ईमानदार छवि है। गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं। लेकिन सबसे बड़ी कमी यह है कि यह हिन्दी नहीं बोल पाते हैं।

पी. चिदंबरम

साल 2004 में यूपीए की सरकार बनते ही चिदंबरम को वित्त मंत्री बनाया गया था। जबकि वे 2004 से पहले कुछ समय पहले तक पार्टी से बाहर थे। चिदंबरम सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट राजीव गांधी फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य हैं। प्रणब दादा के बाद चिदंबरम पर गांधी परिवार काफी भरोसा जताता है। लेकिन इनके साथ सबसे बड़ी दिक्कत इनका हिन्दी क्षेत्र से नहीं आना है।

सुशील कुमार शिंदे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु ंिसंघवी ने कहा था कि गृह मंत्री का पद इनको इनकी वफादारी पर मिला है। अब इससे सोचा जा सकता है कि लाख पद पर रहते हुए शिंदे ने गलतियां की हो, लेकिन गांधी परिवार इन पर भरोसा जताता रहा है।

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