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छत्तीसगढ़ में एक गांव से 10 नक्सली करेंगे समर्पण तो खेती के लिए मिलेगा ट्रैक्टर

जिले में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस लगातार पहल कर रही है। इन दिनों चलाए जा रहे - घर वापस आइए अभियान - का सुपरिणाम भी मिल रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 09:18 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 09:18 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में एक गांव से 10 नक्सली करेंगे समर्पण तो खेती के लिए मिलेगा ट्रैक्टर
छत्तीसगढ़ में एक गांव से 10 नक्सली करेंगे समर्पण तो खेती के लिए मिलेगा ट्रैक्टर

योगेंद्र ठाकुर, दंतेवाड़ा। एक गांव के 10 या इससे अधिक नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर खेती के लिए ट्रैक्टर व अन्य उपकरणों की सहायता दी जाएगी। यह ट्रैक्टर नजदीकी थाने या कैंप में रखा जाएगा, जो आत्मसमर्पित नक्सलियों को मामूली किराये पर उपलब्ध कराया जाएगा। गांव के अन्य ग्रामीणों को भी नक्सलियों से थोड़े अधिक दर पर ट्रैक्टर का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। आत्मसमर्पित नक्सलियों के सुझाव पर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर इस योजना को अंतिम रूप दिया। जिले में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस लगातार पहल कर रही है।

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आत्मसमर्पित नक्सलियों ने खेती के लिए बताई थी ट्रैक्टर की जरूरत

इन दिनों चलाए जा रहे - घर वापस आइए अभियान - का सुपरिणाम भी मिल रहा है पिछले दिनों बड़ेगुडरा पुलिस कैंप में चार इनामी सहित 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके पास खेती के लिए पर्याप्त जमीन है, लेकिन संसाधन और पूंजी का अभाव है। उन्होंने अपने गांव के लिए तीन ट्रैक्टर की मांग की थी। मलांगिर एरिया कमेटी के सक्रिय इनामी नक्सली दंपति ने भी आत्मसमर्पण के बाद एसपी और कलेक्टर से खेती के लिए ट्रैक्टर की मांग की थी।

ताकि मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों का दोबारा मोहभंग ना हो

समर्पित नक्सली प्रकाश करटामी ने बताया कि उसके पास 10 एकड़ से अधिक जमीन है, लेकिन ट्रैक्टर नहीं होने के कारण सही तरीके से खेती नहीं कर पा रहा है। पुलिस और जिला प्रशासन इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार की है, ताकि मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों का दोबारा मोहभंग ना हो। वे खेती के काम में इस तरह प्रोत्साहित हों कि दूसरी ओर उनका ध्यान ही ना जाए।

आत्मसमर्पित नक्सली खेती करेंगे तो आमदनी के लिए गलत रास्ता नहीं अपनाएंगे

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आत्मसमर्पित नक्सली गांव में खेती करेंगे तो जीवन निर्वहन की चिंता नहीं रहेगी। इससे मन शांत रहेगा। आमदनी के लिए गलत रास्ता नहीं अपनाएंगे और अच्छा सोचेंगे।

आत्मसमर्पण के बाद जो नक्सली गांव में रहकर खेती करना चाहते हैं, उन्हें मामूली टोकन मनी पर ट्रैक्टर व कृषि उपकरण उपलब्ध कराया जाएगा। शर्त यह है कि उस गांव या पंचायत में कम से कम 10 समर्पित नक्सली हों। ट्रैक्टर पंचायत या स्वसहायता समूह के सुपुर्द रहेगा, जिसे रात में नजदीकी कैंप या थाने में रखा जाएगा। सामान्य ग्रामीणों को न्यूनतम शुल्क पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराया जाएगा - डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी, दंतेवाड़ा।


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