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कर्नाटक की 60 वर्षीय महिला ने इडली खाकर बनाया रिकॉर्ड, पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे

कर्नाटक की एक महिला सिर्फ एक मिनट में छह इडली खा गई। इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि उसकी उम्र 60 साल है। इस महिला ने ये करनामा मैसूर दशहरे में किया।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 09:57 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 10:47 AM (IST)
कर्नाटक की 60 वर्षीय महिला ने इडली खाकर बनाया रिकॉर्ड, पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे
कर्नाटक की 60 वर्षीय महिला ने इडली खाकर बनाया रिकॉर्ड, पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे

मैसूर, एएनआइ। जरा सोचिए! एक मिनट में कोई व्यक्ति कितना इडली खा सकता है? ज्यादा से ज्यादा दो या तीन, लेकिन कर्नाटक की एक महिला सिर्फ एक मिनट में एक या दो नहीं बल्कि छह इडली खा गई। इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि उसकी उम्र 60 साल है। इस महिला ने ये करनामा एक इडली कंपटीशन में किया। इस कंपटीशन में वो महिला पहले स्थान पर रही। 

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राज्य में मंगलवार को मैसूर दशहरा के अवसर पर इडली खाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। यह प्रतियोगिता विशेष रूप से महिलाओं के लिए आयोजित की गई थी। इस दौरान उन्हें एक मिनट में ज्यादा से ज्यादा इडली खानी थी। इस दौरान महज एक मिनट में छह इडली खाने वाली इस बुजुर्ग महिला का नाम सरोजम्मा है। यह महिला हुलहल्ली की रहने वाली है।

10 दिनों तक मनाया जाता है उत्सव

मैसूर दशहरा कर्नाटक का अधिकारिक राजकीय उत्सव है और यह 10 दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत नवरात्री के साथ होती है और विजयदशमी को इसका समापन होता है। इन दस दिनों तक पूरे शहर को सजाया जाता है।  इस दौरान मैसूर पैलेस एक लाख बल्बों की रौशनी से जगमगाता है। 

रविवार को उत्सव की हुई शुरुआत

पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ रविवार को इस मशहूर त्योहार की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मैसूर के महाराज यदुवीर कृष्णादत्त चमराजा ने पूजा अर्चना की और स्वर्ण सिंहासन पर बैठ कर विशेष दरबार भी लगाया। इस पारंपरिक उत्सव का प्रसिद्ध कर्नाटक लेखक एस एल भैरप्पा और मंत्री प्रहलाद जोशी ने उद्घाटन किया।

देवी चामुंडा को समर्पित

इस उत्सव का पहला 1610 में राजवंश विजयनगर से किया गया था। उस दौरान त्योहार का आयोजन परेड, जुलूस जैसे कई कार्यक्रमों के साथ किया जाता था। तभी से मैसूर दशहरा का आयोजन मैसूर में किया जा रहा है। इस दौरान पूरा देश जहां विजयदशमी के दिन राम की रावण पर विजय के लिए दशहरा पर्व मनाता है। वहीं मैसूर में दशहरा, मां चामुंडा द्वारा राक्षस महिसासुर के वध करने पर मनाया जाता है। विजयदशमी के दिन मैसूर की सड़कों पर जुलूस निकलता है। इस जुलूस की खासियत यह होती है कि इसमें सजे-धजे हाथी के ऊपर एक हौदे में चामुंडेश्वरी माता की मूर्ति रखी जाती है।    


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