सोशल मीडिया पर छाई विचारधारा की लड़ाई
विचार धारा की लडाई अब सोशल मीडिया पर भी तेज हो गई है। दोनों खेमे के छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षक भी इसमें सक्रिय हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रामजस कॉलेज के साहित्यिक कार्यक्रम से उपजा विवाद और विचार धारा की लडाई अब सोशल मीडिया पर भी तेज हो गई है। दोनों खेमे के छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षक भी इसमें सक्रिय हो गए हैं।
वामपंथी संगठन जहां सेव डीयू, डीयू अगेंस्ट गुंडागर्दी तथा अगेंस्ट एबीवीपी नाम से हैश टैग कर सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं वहीं दक्षिणपंथी छात्र संगठन स्टैंड विद डीयू और कंट्री फर्स्ट नाम से हैश टैग कर अपनी बात लिख रहे हैं। डीयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र अवाना और छात्र संघ की वर्तमान उपाध्यक्ष प्रियंका छाबड़ा ने फेसबुक लाइव के जरिए अपनी बात रखी और कहा कि कैंपस में किसी तरह की देश विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं आइसा की डीयू अध्यक्ष कंवलप्रीत कौर ने 28 मार्च को प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए फेसबुक पर एक इवेंट पेज बनाया है और इससे लोगों को इस मार्च में आने के लिए जोड़ रही हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा और करगिल में शहीद हुए जवान की बेटी ने सोशल मीडिया पर 'मैं एबीवीपी से नहीं डरती'। अभियान शुरू किया है। यह अभियान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
करगिल में शहीद हुए कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने एक तख्ती पकड़ी हुई तस्वीर फेसबुक पर प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर लगाई है। इस तख्ती पर लिखा है, 'मैं दिल्ली विश्र्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। छात्रा ने साथ में स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी का हैशटैग भी लगाया है। मेहर के खिलाफ भी छात्रों के एक गुट ने अभियान छेड़ दिया है। गिरीश शर्मा नाम के एक शख्स ने फेसबुक पर लिखा है कि अगर आपके पिता जी जिन्दा होते तो क्या आज़ाद कश्मीर का नारा लगने देते? इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने फेसबुक अपनी तस्वीर के साथ हाथ में तख्ती पर लिखा है कि मैं एबीवीपी ने नहीं डरता।