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AN-32: विमान में पिछले एक महीने में तीन बार आ चुकी है तकनीकी खामियां

किसी भी प्लेन को उड़ने की इजाजत नहीं दी जाती जबतक वो उड़ान भरने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हो लेकिन इन मानको को ताक पर रखकर एएन-32 ने उड़ान भरी।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 09:26 AM (IST)
AN-32: विमान में पिछले एक महीने में तीन बार आ चुकी है तकनीकी खामियां

नई दिल्ली। शुक्रवार को भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 जोकि बंगाल की खाड़ियों की तरफ कहीं लापता हो गया था और अभी तक इसका कुछ भी पता नहीं चल सका है दरअसल इस विमान में पिछले एक महीने में तीन बार खराबी आ चुकी है जबकि पिछले साल सितंबर में ही उसके सिस्टम को अपग्रेड किया गया है।

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हालांकि खराबी को लेकर दलील दी जा रही है कि हाइड्रोलिक लीक या प्रेशर लीक जैसी छोटी मोटी कमियां ही थी लेकिन ये भी साफ है कि तब तक किसी भी प्लेन को उड़ने की इजाजत नहीं दी जाती जबतक वो उड़ान भरने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हो लेकिन इन मानकों को ताक पर रखकर एएन-32 ने उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के इस विमान को सैनिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान लाने और ले जाने और दुर्गम स्थानों पर सामान पहुंचाने के काम में लाया जाता रहा है लेकिन प्लेन की सर्विस, खराब रखरखाव, कलपुर्जों की कमी की वजह से हर साल एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड की संख्या बढ़ती जा रही है।

'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक सुलूर एयरबेस पर मौजूद 33 स्कवॉडन में एएन-32 भी उन 50 मिडियम लिफ्ट टैक्टिकल एयरक्राफ्ट में से एक है जिसकी सर्विस के लिए साल 2009 में यूक्रेन के साथ 398 मिलियन डॉलर का करार किया था।

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