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मोदी सरकार का 36 राफेल का सौदा पूर्व के सौदे से बेहतर : वायुसेना

डिप्टी एयरचीफ मार्शल नांबियार ने राफेल को वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से शानदार फायटर बताया।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 07:23 AM (IST)
मोदी सरकार का 36 राफेल का सौदा पूर्व के सौदे से बेहतर : वायुसेना
मोदी सरकार का 36 राफेल का सौदा पूर्व के सौदे से बेहतर : वायुसेना

नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर जहां कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। वहीं वायुसेना ने मौजूदा सरकार की राफेल डील को सही ठहराया है। वायुसेना के डिप्टी एयरचीफ मार्शल आर. नांबियार ने जोर देकर कहा है कि मोदी सरकार का 36 राफेल विमान सौदा पूर्ववर्ती 126 विमानों के सौदे से कहीं बेहतर है। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि लोगों को इस बारे में गलत जानकारी दी जा रही है।

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उल्लेखनीय है कि वायुसेना के डिप्टी एयरचीफ मार्शल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए विगत सोमवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग से मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा है। साथ ही राफेल सौदे के दस्तावेज जब्त करने को कहा है।

फ्रांसीसी कंपनी दासौ एविएशन के भारतीय साझीदार चुने जाने में हुए विवाद को लेकर डिप्टी एयरचीफ मार्शल नांबियार ने कहा, "मेरा मानना है कि लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। किसी पक्ष को 30,000 करोड़ रुपये देने जैसी कोई बात ही नहीं है। दासौ को अकेले ही 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जरूर दी गई है। इससे ज्यादा कुछ भी नहीं।"

'राफेल हमारी सभी जरूरतों को पूरा करता है'
हाल ही में फ्रांस में राफेल युद्धक विमान उड़ा चुके डिप्टी एयरचीफ मार्शल नांबियार ने मीडिया को बताया कि पूर्व में हम सभी विमानों का मूल्यांकन कर चुके हैं। हर तरह से यह बहुत अच्छा सौदा है। यह 2008 में हुए सौदे से कहीं बेहतर है। हमने छह सिद्धांतों पर इसे परखा और राफेल हमारी सभी जरूरतों को पूरा करता है। हमारे विचार से यह विमान तकनीकी रूप से सबसे अधिक सक्षम होने के साथ ही व्यापारिक कसौटी पर भी बेहतर है। इसी आधार पर इसका चयन किया गया है।

फ्रांसीसी मीडिया की एक रिपोर्ट में भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इस सौदे का जिम्मा देने की पैरवी करने के बारे में पूछे जाने पर वायुसेना के अफसर ने कहा कि व्यापारिक समझौता डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ के नेतृत्व में किया गया था। इस पर करीब 14 महीनों तक बातचीत चली थी। हमारा मानना है कि अपने अपने नेतृत्व के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया है। इसके तहत बेहतर कीमत, बेहतर मेंटेनेंस की शर्तें, जल्द और समय से विमानों की आपूर्ति और संचालन व क्रियान्वयन पैकेज पर ध्यान दिया गया था।

राफेल विमान की उड़ान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उसे आजमाने का उन्हें सुअवसर मिला। भारतीय वायुसेना के लिए नई क्षमताएं लाई गई हैं। विमान बहुत अच्छा रूप ले रहा है। वह विमान की सभी प्रणालियों के प्रदर्शन से बेहद संतुष्ट हैं।


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