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IAF chopper: भारतीय मिसाइल का ही शिकार हुआ था वायुसेना का हेलीकाप्टर

न्यायिक जांच में साफ हो गया है कि दोस्त और दुश्मन में फर्क न कर पाने के कारण यह आत्मघाती कदम उठाया गया। इसके लिए वायुसेना के पांच अफसरों को दोषी करार दिया गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 09:13 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 07:28 AM (IST)
IAF chopper: भारतीय मिसाइल का ही शिकार हुआ था वायुसेना का हेलीकाप्टर

नई दिल्ली, एएनआइ। मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले में 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना का एमआइ-17 हेलीकाप्टर भारतीय मिसाइल का ही निशाना बनकर ढेर हो गया था। अब न्यायिक जांच में साफ हो गया है कि दोस्त और दुश्मन में फर्क न कर पाने के कारण यह आत्मघाती कदम उठाया गया। इसके लिए वायुसेना के पांच अफसरों को दोषी करार दिया गया है।

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विगत 27 फरवरी को हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में वायुसेना के छह जवानों व एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच के बाद वायुसेना के पांच अफसरों को दोषी पाया गया है। यह हादसा तब हुआ जब स्पाइडर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से गलती से फायर कर दिया गया था जो एमआइ-17वीएफ हेलीकाप्टर को लगा था। जम्मू और कश्मीर के बडगाम में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का वार तब किया गया जब हेलीकाप्टर श्रीनगर एयरबेस को लौट रहा था। हेलीकाप्टर जमीन पर गिरने के बाद घटनास्थल से स्थानीय लोगों को एक पिस्टल बरामद हुई थी। लोगों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था।

श्रीनगर एयरबेस का सीओओ भी दोषी
सूत्रों के अनुसार दोषी अफसरों में श्रीनगर एयरबेस के चीफ ऑपरेटिंग अफसर (सीओओ) समेत पांच अफसर शामिल हैं। जब हेलीकाप्टर मिसाइल का निशाना बना तो उस दौरान पूर्व एयर कमांडर एयर मार्शल हरि कुमार आपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। छह महीने चली अदालती जांच में पता चला कि सतह से आसमान में मार करने वाली मिसाइल से हेलीकाप्टर को मार गिराया गया था।

लिहाजा, ऐसा आत्मघाती कदम उठाने वाले वायुसेना के अधिकारियों को लापरवाही बरतने और सही प्रक्रिया का पालन न करने का दोषी पाया गया है। 27 फरवरी को जिले के गरेंद कलां गांव में भारतीय वायुसेना का एक एमआइ-17 हेलीकाप्टर जमीन पर आ गिरा था। वायुसेना के सर्वोच्च अफसरों और सरकार ने तय किया है कि दोषी पाए अफसरों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके लिए उन्हें आपराधिक मानव वध का भी दोषी माना जा सकता है।

गलतफहमी में हुआ हादसा
सूत्रों का कहना है कि जांच में पाया गया कि श्रीनगर एयरबेस पर एयर डिफेंस की जिम्मेदारी निभाने वाले अफसरों ने गलती से एक मिशन से लौट रहे हेलीकाप्टर को उनके एयरबेस की तरफ आती हुई मिसाइल समझ लिया था। इसी साल 27 फरवरी को श्रीनगर की 154 हेलीकाप्टर यूनिट का एक एमआइ-17 वी-5 हेलीकाप्टर अपनी यूनिट से उड़ान भरने के दस मिनट बाद ही अपनी ही वायुसेना के मिसाइल का निशाना बन गया था।

इससे हेलीकाप्टर में सवार छह वायुसैनिक और जमीन पर हेलीकॉप्टर गिरने से एक आम नागरिक मारा गया था। हादसे के समय सौ किमी की दूरी पर वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ने में जुटे थे। इस मामले की न्यायिक जांच में इसलिए भी देरी हुई क्योंकि बडगाम में इस हेलीकाप्टर के ब्लैक बॉक्स को ग्रामीणों ने चुरा लिया था।


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