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मैं सांस नहीं ले पा रहा, उन्होंने मेरा वेंटिलेटर हटा दिया है, कोविड मरीज ने भेजा मार्मिक संदेश

एक कोरोना संक्रमित मरीज की हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में मौत से पहले का दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानें उसने मौत से पहले क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 06:56 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:05 AM (IST)
मैं सांस नहीं ले पा रहा, उन्होंने मेरा वेंटिलेटर हटा दिया है, कोविड मरीज ने भेजा मार्मिक संदेश
मैं सांस नहीं ले पा रहा, उन्होंने मेरा वेंटिलेटर हटा दिया है, कोविड मरीज ने भेजा मार्मिक संदेश

हैदराबाद, एजेंसियां। कोविड-19 के एक 34 वर्षीय मरीज की हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में मौत से पहले की दिल दहला देने वाली वीडियो सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। इस वीडियो में अस्पताल में भर्ती युवक ने अपने पिता को बताया, 'मैंने उन्हें बताया कि मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं, फिर भी उन्होंने मेरा वेंटिलेटर हटा दिया है। मैं परेशान हो गया हूं। डैडी तीन घंटे हो गए हैं। ऐसा लग रहा है मेरे दिल की धड़कनें रुक गई हैं। बाय डैडी, सबको बाय।'

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मरीज के परिजनों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में आपराधिक लापरवाही की पोल खोलने वाले वी़िडयो को युवा मरीज पी. रविकुमार ने 26 जून को रिकार्ड करके अपने पिता को अंतिम प्रणाम कहते हुए मार्मिक संदेश भेजा। उसके कुछ ही देर बाद उसकी सरकारी चेस्ट हॉस्पिटल में मौत हो गई। इस अस्पताल में उसे 24 जून को भर्ती कराया गया था। रवि के पिता पी.वेंकटेशवरलु ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया ताकि दुनिया को पता चले कि अस्पताल में क्या हुआ है। उन्होंने कहा, 'किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा से न गुजरना पड़े।'

इस सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने से पहले रवि को लेकर उनके परिजनों ने 11 अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन किसी ने भी उन्हें भर्ती नहीं किया था। मृतक के परिवार में उसके पिता के अलावा उसकी पत्नी, 12 साल की बेटी और 10 साल का बेटा भी है। सऊदी अरब में दस साल नौकरी करने के बाद दो साल पहले ही रवि भारत लौटे थे और माता-पिता के साथ रह रहे थे।

अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरतने के आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि उसकी मौत हृदय रोग से हुई है। उन्होंने कहा कि मरीज को दवाएं दी जा रही थीं और उसे वैकल्पिक ऑक्सीजन दी गई थी। लेकिन उसे हृदय संबंधी तकलीफ हो गई। अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. महबूब खान ने कहा कि मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया था। उन्होंने कहा कि वह मायोकर्डियक बीमारी से पीडि़त थे। कोरोना के कुछ युवा मरीजों में दिल की इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे मरीज दिल तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने के कारण मर जाते हैं। 


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