एनएसए वार्ता में हुर्रियत नेताअो को शामिल करना जरुरी नहींः फारुख
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की बैठक में हुर्रियत नेताअों को शामिल करने के मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने विरोध किया है।
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की बैठक में हुर्रियत नेताअों को शामिल करने के मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नास्को में जब एनएसए स्तर की वार्ता का निर्णय लिया गया था तब भारत अौर पाक के उच्चाधिकारी शािमल थे। बाद में तीसरी पार्टी को क्यो शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह अाश्चर्य की बात है कि पाकिस्तान चाहता है कि जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व केवल हुर्रियत नेता करे। पाकिस्तान यदि अातंकवाद के मुद्दे पर गंभीर है तो वार्ता में हुर्रियत नेताअों को बैठक में शामिल नहीं करना चाहिए। उन्होंने हुर्रियत नेताअों से कहा कि यदि वे चाहते है कि भारत-पाक की बैठक हो, तो कहना चाहिए की हम बैठक में शामिल नहीं होगें।
इस मुददे पर जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए सरकार पर हमला बोला है। उमर ने ट्विटर पर सिलसिलेवार ट्वीट्स करके सरकार के इस कदम का विरोध किया।
उन्होंने लिखा कि ऊपर से आए हुक्म पर इस तरह गिरफ्तारी करवाने वाले मुफ्ती पर शर्म आ रही है। उनके पास अपने आका की बात मानकर हुर्रियत नेताओं को इस तरह नजरबंद करने के अलावा कोई काम नहीं है।
उमर ने एक और ट्वीट में लिखा कि जम्मू कश्मीर सरकारों ने पहले कभी इस तरह हुर्रियत नेताओं को गिरफ्तार नहीं किया है। वह भी सिर्फ इसलिए ताकि उन्हें पाक उच्चायोग जाने से रोका जा सके।
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