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हनीट्रैप मामले में छह लोगों के खिलाफ मानव तस्‍करी का केस दर्ज, SIT में हुआ बदलाव

मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप मामले में आरोपित 18 वर्षीय युवती के पिता ने मामले से जुड़ी महिलाओं समेत छह के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज करवाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 12:23 AM (IST)
हनीट्रैप मामले में छह लोगों के खिलाफ मानव तस्‍करी का केस दर्ज, SIT में हुआ बदलाव
हनीट्रैप मामले में छह लोगों के खिलाफ मानव तस्‍करी का केस दर्ज, SIT में हुआ बदलाव

राज्‍य ब्‍यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। एक आरोपित 18 वर्षीय युवती के पिता ने मामले से जुड़ी महिलाओं समेत छह के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज करवाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपितों ने सुनियोजित ढंग से पहले उनकी बेटी से फेसबुक पर दोस्ती की, फिर पढ़ाने के बहाने भोपाल लेकर आ गए। पुलिस को शक है कि इसी तरह कई अन्य युवतियों का ब्लैकमेल करने में उपयोग किया गया है। उधर, हनीट्रैप गिरोह की जांच के लिए सोमवार रात गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) में मात्र 18 घंटे में ही अफसरों को बदल दिया गया है।

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कैसे हुई दोस्‍ती

इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के अनुसार, एक युवती के पिता की शिकायत पर आरती दयाल उर्फ आरती सिंह उर्फ ज्योत्सना सिंह, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर सोनी, अभिषेक और ओमप्रकाश कोरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पिता के अनुसार, बेटी ने उन्हें बताया कि करीब एक वर्ष पहले अभिषेक ने उसके मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल दिया था। इस बहाने से बात करने लगा। उसने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और दोस्ती कर ली। अभिषेक की फेसबुक में आरती भी जुड़ी थी। उसने आरती और श्वेता से भी दोस्ती करवा दी। आरती ने खुद को समाजसेविका बताया और कहा कि एनजीओ के साथ सरकारी विभागों में ठेके लेती है। मई माह में आरोपित युवती जब आर्मी भर्ती परीक्षा में भाग लेने भोपाल आई तो अभिषेक ने मुलाकात की और आरती से मिलवाया। आरती ने उससे कहा कि वह उसकी कॉलेज की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।

बेटी उनके जाल में फंस गई

पिता के अनुसार आरती का रहन-सहन और महंगी गाड़ि‍यां, ड्राइवर देख उनकी बेटी बहकावे में आ गई और परिवार के विरोध के बाद भी आरती के पास भोपाल चली गई। पिता का आरोप है कि आरती ने उसका ब्रेनवॉश कर दिया और लेने के लिए गांव भी आ गई। उससे कारण पूछा तो कहा कि समाजसेवा करती है। बड़ी मैडम (श्वेता) से भी मुलाकात करवाई। बेटी उनके जाल में फंस गई और आरती के साथ मीनाल रेसीडेंसी में रहने लगी।

अश्लील वीडियो दिखा दलदल में धकेला

इंदौर के पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया के अनुसार, आरती युवती को श्वेता का ड्राइवर के साथ बना अश्लील वीडियो दिखाती थी। बोलती थी कि बड़ा आदमी बनने के लिए कुछ करना पड़ता है। खर्च के लिए रुपये और महंगे कपड़े भी दिलवा देती थी। पिता के अनुसार आरती ने उनकी बेटी को अपने कब्जे में कर लिया था। उसे स्कूटर दे दिया और पब और होटलों में लेकर जाने लगी। एसएसपी के अनुसार, पिता और बेटी के बयानों से स्पष्ट हो गया है कि उसे षड्यंत्रपूर्वक देह व्यापार के लिए लाया गया था।

तीन आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

मामले की आरोपित श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और उसके ड्रायवर ओमप्रकाश की जमानत अर्जी कोर्ट ने खाजिर कर दी। मंगलवार को तीनों की ओर से जिला कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी।

दबाव को बताया जा रहा एसआइटी में बदलाव की वजह

हनीट्रैप मामले की जांच के लिए सोमवार रात गठित एसआइटी में मंगलवार दोपहर को बदलाव कर दिया गया। पहले एसआइटी प्रमुख बनाए गए आइजी (सीआइडी) डी. श्रीनिवास वर्मा इस काम से पीछे हट गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह कर खुद को जांच दल से अलग करने का अनुरोध किया था। कहा जा रहा है कि एसआइटी प्रमुख बनने के बाद गिरोह के जाल में फंसे लोगों के दबाव को वे झेल नहीं पाए और पीछे हट गए। अब इस जांच दल की कमान काउंटर इंटेलीजेंस एडीजी संजीव शमी को सौंपी गई है।

उधर, सोमवार शाम बनाई गई एसआइटी में शामिल 25वीं बटालियन के कमाडेंट मनोज कुमार सिंह को हटा दिया गया है। मनोज कुमार सिंह मंदसौर गोलकांड के समय नीमच में पदस्थ थे और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी में उनकी भूमिका थी।


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