डायबिटीज के मरीजों को कोरोना वायरस का कितना है खतरा, जानें विशेषज्ञ की राय
डॉ. रवि कांत एडिशनल प्रोफेसर AIIMS ऋषिकेश ने बताया कि प्राथमिक डॉक्टर के साथ टेलीफोन के जरिए संपर्क में रहें और बढ़े हुए शुगर लेवल के लिए उनसे सलाह लें।
ऋषिकेश, हरीश तिवारी। दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भारत में भी यह संख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है। वैसे तो कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है लेकिन उन लोगों को इससे ज्यादा खतरा है, जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है अथवा जो उम्रदराज हैं। आमतौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों में 80 प्रतिशत में केवल माइल्ड लक्षण ही मिलते हैं। 15 प्रतिशत मरीजों में ही गंभीर बीमारी होती है और शेष पांच प्रतिशत में यह जानलेवा हो सकती है।
इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ का एक अध्ययन बताता है कि जो लोग उम्रदराज हैं या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, गुर्दे के रोग व डायबिटीज है, उनमें कोरोना संक्रमण की वजह से गंभीर बीमार पड़ने या जान जाने का ज्यादा खतरा है। चीन में वुहान के दो अस्पतालों के 191 मरीजों पर किए गए शोध में भी यही बात सामने आई है।
बढ़ जाते हैं आसार: भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक, भारत में वर्ष 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या सात करोड़ थी और इसमें तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरोना संक्रमण के लगातार फैलने और डायबिटिक मरीजों में इसके गंभीर परिणाम को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से उनके लिए कुछ गाइडलाइन जारी की गई हैं। इनमें मरीजों को संक्रमण से बचने के लिए कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं।
दरअसल, डायबिटीज के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों से कम होती है। ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से वायरस के शरीर में जीवित रहने के आसार बढ़ जाते हैं। सो, डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे पहले ध्यान रखने वाली बात यह है कि उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रहे। डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी हेल्थ एडवाइजरी में डायबिटीज के मरीजों को इसके संक्रमण से बचे रहने के लिए जो बातें बताई गई हैं, उनके बारे में यहां पूरी जानकारी दी जा रही है।
भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से बचें: हालांकि भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन कर भीड़भाड़ को फिलहाल बंद कर दिया गया, फिर भी बहुत-सी जगहों पर भीड़ देखने को मिल जाती है। डायबिटीज के मरीजों को उन जगहों पर जाने से खास तौर पर बचना चाहिए। तभी वे खुद का बचाव कर सकते हैं।
सफाई का ध्यान रखें: हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, सेनिटाइजर का उपयोग करें। चेहरे, आंख व नाक को बार-बार छूने से बचें। लोगों से मिलना-जुलना कम करें। अगर मिलना भी हो तो हाथ कतई न मिलाएं। एक-दूसरे को छूने से बचें। शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन करें। व्यायाम और आहार पर ध्यान: लॉकडाउन की वजह से आप पार्क में भले ही न जा पा रहे हों, परंतु नियमित व्यायाम करना न छोड़ें। घर पर ही एक दिनचर्या बनाएं, छत पर सैर या व्यायाम करें। पौष्टिक आहार लें, अगर सब्जियां उपलब्ध नहीं हो रही हों तो दाल, सोयाबीन आदि पर्याप्त मात्रा में लें। डॉक्टर से खान-पान के लिए राय लें। पानी भरपूर मात्रा में लें।
चेक करते रहें शुगर लेवल : डायबिटीज के मरीजों को वैसे तो आमतौर पर भी अपना ब्लड शुगर चेक करते रहना चाहिए। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह और भी जरूरी है। आपके पास आगे आने वाले समय के लिए पर्याप्त मात्रा में शुगर मापने वाली स्ट्रिप्स होनी चाहिए। अपने प्राथमिक डॉक्टर के साथ टेलीफोन के जरिए संपर्क में रहें और बढ़े हुए शुगर लेवल के लिए उनसे सलाह लें। कोशिश करें कि कुछ सप्ताह की दवाई और अन्य सामान आपके पास हो। टाइप-वन डायबिटीज या अन्य मरीज, जो इंसुलिन ले रहे है, वो अपने कीटोंस भी नियमित रूप से चेक करते रहें।