Move to Jagran APP

ऐसे बन सकते हैं सफल इंटरप्रिन्योर या उद्यमी, आईआईएम प्रोफेसर ने दिए सबक

आईबीएम इंस्टीट्यूट फॉर बिजनेस वैल्यू (आईबीवी) और ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि 90% भारतीय स्टार्ट-अप स्थापना के पहले पांच वर्षों के भीतर विफल हो जाते हैं और 75% उद्यम-समर्थित कंपनियां कभी भी निवेशकों को नकद नहीं लौटाती हैं।

By TilakrajEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 12:22 PM (IST)
ऐसे बन सकते हैं सफल इंटरप्रिन्योर या उद्यमी, आईआईएम प्रोफेसर ने दिए सबक
एक स्टार्ट-अप की यात्रा उतनी आसान नहीं है जितनी लगती है

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। बीते कुछ सालों में भारत में इंटरप्रिन्योर बनने का सिलसिला तेजी से बढ़ा है। ऐसे में यह सवाल हमेशा उठता है कि इंटरप्रिन्योर बनने के लिए एमबीए डिग्री जरूरी है। क्या प्रबंधन की डिग्री हासिल कर ही सफल उद्यमी बना जा सकता है। आईआईएम उदयपुर के प्रोफसर कहते हैं कि यह कहना पूरी तरह सही नहीं होगा कि अगर आपके पास प्रबंधन की डिग्री नहीं होगी तो आप सफल कारोबारी नहीं बन सकेंगे। आपको अपना बिजनेस शुरू करने के लिए एक रचनात्मक आईडिया और सच्ची नीयत होनी चाहिए। वह कहते हैं कि हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपकी नीयत और विचार शानदार हो तो आपका बिजनेस दीर्घकाल में सफल हो। ऐसे में इस सवाल को ऐसे भी कहा जा सकता है कि क्या इंटरप्रिन्योर को अपने बिजनेस को सफल और ऊंचाइयां स्थापित करने के लिए व्यक्ति को प्रबंधन की जानकारी होनी आवश्यक है।

loksabha election banner

आईआईएम उदयपुर के इनक्यूबेशन सेंटर के सीओओ डा. सुरेश ढाका बताते हैं कि मैनेजमेंट स्किल मांझने की बातें जानने से पहले कुछ तथ्यों को जानना समझना अत्यंत जरूरी है। ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप मॉनिटर के अनुसार, दुनिया के दो-तिहाई वयस्क लोग स्वरोजगार और उद्यमिता को एक उपयुक्त करियर विकल्प के रूप में देखते हैं। वहीं इस मामले में भारत अपवाद नहीं है।

स्टॉर्टअप की यात्रा नहीं है आसान

डा. सुरेश ढाका कहते हैं कि एक स्टार्ट-अप की यात्रा उतनी आसान नहीं है जितनी लगती है। आईबीएम इंस्टीट्यूट फॉर बिजनेस वैल्यू (आईबीवी) और ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि 90% भारतीय स्टार्ट-अप स्थापना के पहले पांच वर्षों के भीतर विफल हो जाते हैं और 75% उद्यम-समर्थित कंपनियां कभी भी निवेशकों को नकद नहीं लौटाती हैं। भारतीय स्टार्टअप विफल होने के कई कारणों में से कमजोर व्यापार मॉडल, अच्छी तरह से अनुसंधान और योजना न बनाना, लगभग सभी नवाचार और नेतृत्व से संबंधित हैं। ग्राहक की जरूरतों को न समझ पाना, नए इनोवेशन में कमी और सही लोगों को नियुक्त न करना और लीडरशिप गैप प्रमुख कारणों में शामिल होते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि बिजनेस में लंबे समय तक लगातार सफलता हासिल करते आसान नहीं है। बतौर स्टॉर्टअप फाउंडर आपके पास कई रास्ते आते हैं जिससे सफलता की संभावना बढ़ सकें। मैनेजमेंट एजुकेशन इसमें प्रमुख है।

एक एमबीए प्रोग्राम आपको कौशल के साथ-साथ कंपनी चलाने और उसे आगे बढ़ाने की तकनीक, टूल्स से से लैस करता है। यह कौशल कंपनी के प्रबंधन और उसे लांच करने में सहायक साबित होता है। एक उद्यमी के रूप में, आपको अपनी कंपनी को विकास के चरण तक ले जाने के लिए वास्तव में कौशल के व्यापक सेट की आवश्यकता है।

फंक्शन समझने से मिलती है सहायता

डा. सुरेश ढाका बताते हैं कि जितना अधिक आप एक सफल संगठन बनाने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में समझते हैं। उतने ही बेहतर तरीके से आप उससे जुड़ी बाधाओं को पार करने और सफलतापूर्वक संगठन को चलाने में सिद्धहस्त हो जाते हैं। वह कहते हैं कि मैं समझता हूं कि इंटरप्रिन्योर बनने की आकांक्षा रखने वालों के पास फुल टाइम डिग्री के लिए समय कम होता है। ऐसे लोगों के लिए बेहतर यही है कि वह इनक्यूबेशन या एक्सीलेरेशन प्रोग्राम को ज्वॉइन करें। आईआईटी और आईआईएम में भारत सरकार द्वारा समर्थित ऑन कैंपस बिजनेस इनक्यूबेटर है। बिजनेस स्कूल इन इनक्यूबेटर को शुरुआती स्तर पर शुरु हुए स्टॉर्टअप को मदद करने के लिए स्थापित करते हैं। यह उन्हें वर्कस्पेस प्रदान करते हैं, सीड फंडिंग, मेंटरिंग और ट्रेनिंग में मदद करते हैं। ग्रोथ स्टेज स्टार्टअप एक्सेलेरेटर प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं। यहां पर उन्हें सफल उद्यमियों, इंडस्ट्री एक्सपर्ट और एंजेल इंवेस्टर के द्वारा मेंटरशिप मिलती है जो बेहद मददगार होती है। डा. ढाका कहते हैं कि नाइक के कोट से खुद को प्रेरित करना चाहिए-जस्ट डू इट और अपनी उद्यमिता की यात्रा शुरु करनी चाहिए लेकिन बिजनेस को लंबे समय तक सफलतापूर्वक चलाने के लिए एक व्यवस्थित और संगठित एप्रोच की जरूरत है जिसे विकसित करना बेहद जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.