सावधान! अगर खरीदी है कोई नई कार, तो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें नहीं तो...
सोशल मीडिया पर पल-पल की जानकारी शेयर करना और अपनी लोकेशन को साझा करना चोरों को सीधा इन्विटेशन है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आज के दौर में सोशल मीडिया आधुनिक जीवन (मॉडर्न लाइफ) का हिस्सा बन चुका है। सोशल मीडिया के माध्यम से नई चीजों की खोज, एक-दूसरे से विचार साझा करना, यहां तक की बातचीत की संभावनाओं का दायरा खुल गया है। हालांकि कहते हैं न कि 'हर सिक्के के दो पहलू होते हैं'। सोशल मीडिया अगर लाभकारी है, तो इसके नुकसान भी किसी से छिपे नहीं है। इससे बचने के लिए जरूरी है बस थोड़ी सी सावधानी। क्या आपने कभी सोचा है कि सोशल मीडिया पर अपनी लोकेशन शेयर करना या फिर अपनी किसी कीमती चीज का ब्योरा देना...आपको कितना महंगा साबित हो सकता है। आपने कभी सोचा है कि ऐसा करने पर आप 'आ बैल मुझे मार' यानी सीधे तौर पर चोरों को इन्विटेशन दे रहे हैं।
सोशल मीडिया...हैशटैग्स...पोस्ट्स
किसी ने महंगी लग्जरी कार खरीदी, तुरंत सोशल मीडिया पर बहुत सारे हैशटैग्स के साथ पोस्ट कर दिया। किसी का हॉलीडे प्लान है, तो तुरंत स्टेटस अपडेट कर दिया। आमतौर पर हर कोई उत्सुकता में ऐसी गलती कर बैठता है। इसे गलती इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अापकी पलभर की सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई ये खुशी, आपको बाद में काफी रुला सकती है। दरअसल, एक शोध के मुताबिक अपनी पल-पल की जानकारी सोशल मीडिया पर देने से लूटपाट का खतरा बढ़ सकता है।
सोशल मीडिया के चलते हुई चोरी
हाल ही में 12 ब्रिटिश नागरिकों का सामान चोरी हो गया। उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि सोशल मीडिया पर लोकेशन टैगिंग के चलते वे चोरों की नजर में आ जाएंगे। बताया जा रहा है कि 12 ब्रिटिश नागरिकों में आधे से ज्यादा लोगों के फोन में लोकेशन टैगिंग का ऑपशन खुला हुआ था। यानी वे कहां जा रहे हैं, कब जा रहे हैं, कौन कौन साथ है। इन सबकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की हुई थी। चोरी के लिए हमेशा घात लगाए बैठे चोरों के लिए तो यह गोल्डन चान्स हो गया।
शोध में मिली यह जानकारी
होम इंटीरियर्स फर्म हिलेरीज़ द्वारा किए गए अध्ययन में 18 और उससे अधिक उम्र के 2,000 से अधिक ब्रिटिश नागरिकों से सवाल पूछे गए। जिनमें से हर कोई किसी न किसी सोशल मीडिया चैनल पर सक्रिय था। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे सोशल मीडिया पर महंगे गिफ्ट या किसी खरीददारी की जानकारी को साझा करते हैं, तो 51 फीसद ने स्वीकार किया कि हां वे ऐसा करते हैं। जबकि 21 फीसद ने कहा कि यह केवल अपनी खबर साझा करने के लिए एक पोस्ट है। शेष 79 फीसद ने कहा कि वे आमतौर पर तस्वीरें या फिर वीडियो शेयर करते हैं। इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पोस्ट्स में लोकशन टैग होती है? तो 52 फीसद ने स्वीकार किया कि होती है। जब कोई छुट्टियों पर होता है तो यह आंकड़ा 79 फीसद तक पहुंच गया।
लोगों को होना पड़ेगा जागरूक
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से अगला सवाल पूछा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने के बाद क्या कभी उनकी संपत्ति या फिर कोई सामान चोरी हुआ है? तो 12 (आठ फीसद) में से एक ने कहा कि ऐसा हुआ है। हिलेरीज़ के प्रवक्ता तारा हॉल कहते हैं, 'सोशल मीडिया लोगों के लिए उन चीजों से जुड़ने और उसे साझा करने का एक अच्छा साधन है, जिनके बारे में वे रुचि रखते हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से आपकी लोकेशन जैसी संवेदनशील जानकारी के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है।'
सोशल मीडिया पर डींगे मारना...घातक
यह आंकड़े अलार्म और सुरक्षा फर्म एडीटी के खुलासे के बाद सामने आए हैं। इसमें उन्होंने बताया था कि 78 फीसद चोरी फेसबुक और ट्विटर माध्यम से हो रही है। इस बीच विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी है कि इंस्टा पर बड़ी-बड़ी डींगें मारना, इंस्टाग्राम पर अपने हॉलीडे की तस्वीरें साझा करना घातक साबित हो सकता है।