Move to Jagran APP

पाकिस्‍तान को क्‍यों हो रही भारत से दोस्‍ती की जरूरत महसूस और क्‍यों बदले हैं सुर, जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू

भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए पाकिस्‍तान काफी आतुर दिखाई दे रहा है। पूर्व में जनरल कमर बाजवा का बयान और अब सिंधु जल बंटवारे को लेकर हो रही बातचीत के पीछे ही वजह आखिर क्‍या है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 08:53 AM (IST)
पाकिस्‍तान को क्‍यों हो रही भारत से दोस्‍ती की जरूरत महसूस और क्‍यों बदले हैं सुर, जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू
भारत से दोस्‍ती करना चाहता है पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। बीते कुछ समय से पाकिस्‍तान के सुरों में भारत को लेकर अचानक बदलाव देखने को मिला है। फिर चाहे वो सीमा पर तनाव कम करने को लेकर हुई डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) की बातचीत हो या पाकिसतान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का बयान हो या सिंधु जल विवाद सुलझाने के लिए हो रही वार्ता हो। ये सब कुछ अचानक से होता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि इसके पीछे की आखिर वजह क्‍या है।

loksabha election banner

जानकार इसके पीछे पाकिस्‍तान की जरूरत को मानते हैं। ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का कहना है कि मौजूदा समय में पाकिस्‍तान आंतरिक तौर पर कई मोर्चों से घिरा हुआ है। आर्थिक रूप से पाकिस्‍तान की हालत बेहद खराब है। रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से वो काफी अलग-थलग और कमजोर हो चुका है। वैश्विक मंच पर भी उसके हालात काफी खराब हो चुके हैं। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत की यात्रा भी इसके पीछे एक वजह है। इसके अलावा पाकिस्‍तान खुद को अकेला महसूस कर रहा है।

जिस तरह से अमेरिका ने अफगानिस्‍तान के मसले और वहां की शांति प्रक्रिया में भारत को सहयोगी बनाया है, वो पाकिस्‍तान के लिए एक बड़ा झटका है। पाकिस्‍तान को लगने लगा है कि अमेरिका ही नजरों में वो बुरी तरह से पिछड़ रहे हैं। ये हाल अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से भी कहीं ज्‍यादा बुरा है। क्‍योंकि उनके कार्यकाल में अफगानिस्‍तान को लेकर जो बातचीत शुरू हुई थी उसमें भारत को जगह नहीं मिली थी। वहीं बाइडन प्रशासन में भारत का रुतबा पहले से कहीं अधिक बढ़ा है।

बाइडन प्रशासन ने भारत को अपने दस सबसे शीर्ष के सहयोगी देशों में शामिल किया है। भारत को अमेरिका ने इंडो-पेसेफिक क्षेत्र के लिए बनने वाली भावी नीतियों मं शामिल किया है और अहम जिम्‍मेदारी निभाने को भी कहा है। बावजूद इसके कि अमेरिका इस बात को बखूबी जानता है कि चीन इस क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। वो ये भी जानता है कि भारत को इस क्षेत्र में किसी भी सूरत से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

जहां तक पाकिस्‍तान की बात है तो वो अपने मौजूदा हालातों को भी अच्‍छे से जान रहा है। मौजूदा समय की ही बात करें तो वो वैश्विक महामारी से इस कारण भी नहीं लड़ पा राह है क्‍योंकि वहां के आर्थिक हालात काफी बदतर हैं। खुद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इस बात को कुछ दिन पहले खैबर पख्‍तूख्‍वां में मान चुके हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से सरकार स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर और शिक्षा पर खर्च नहीं कर पा रही है। ऐसे में प्रोफेसर पंत का कहना है कि पाकिस्‍तान को भारत से रिश्‍ते सुधारने की शुरुआत करनी पड़ी है।

हालांकि वो ये भी मानते हैं कि भविष्‍य में ये कितनी आगे तक जाएगी इस बारे में अभी कुछ भी कहपाना काफी मुश्किल है। क्‍योंकि पाकिस्‍तान की तरफ से इस पर ग्राउंड रियेलिटी पर भरोसा करना कुछ मुश्किल है। उनके मुताबिक भारत को सामने रखते हुए पाकिस्‍तान अमेरिका से भी संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है, जिससे उसको कुछ फायदा पहुंच सके। पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का ताजा बयान जिसमें उन्‍होंने सब कुछ भुलाकर आगे बढ़ने की पेशकश की है, इसकी वजह भी यही है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए इस्‍लामाबाद सिक्‍योरिटी डायलॉग की शुरुआत में पाकिस्‍तान के जनरल कमर बाजवा ने भारत से संबंध सुधारने की पेशकश की थी। हालांकि उस वक्‍त इमरान खान ने कहा था कि भारत को संबंध सुधारने की पहल करनी होगी। हालांकि इससे पहले इमरान खान कई मंचों पर ये कहते दिखाई दिए थे कि यदि भारत दोस्‍ती की तरफ एक कदम बढ़ाएगा तो पाकिस्‍तान दो कदम चलेगा।

ये भी पढ़ें:- 

जानिए- जाते-जाते भारत की टेंशन बढ़ा गए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, अब क्‍या फैसला लेगा भारत 

Martyrs Day: 'तू न रोना के तू है भगत सिंह की मां, मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं' 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.