आसमां से बरस रही आग, झुलसा रहीं लू की लपटें; धूप को देनी है मात तो करें ये उपाय
विश्व मौसम संस्थान के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान लगातार पांच दिनों तक सामान्य तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो जाए तो गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पूरे देश को 36 मौसमीय प्रभागों में बांटा गया है। इनमें से 16 प्रभागों में लू चलने की चेतावनी मौसम विभाग जारी कर चुका है। 15 प्रभाग अलर्ट की स्थिति में हैं। कभी भी मौसम विभाग इनमें लू की चेतावनी जारी कर सकता है। पूरा देश आसमान से बरसती आग से तप रहा है। इस गर्मी में लू की लपटें लोगों को झुलसा रही हैं। बुधवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पारे ने 48 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा छुआ। मौसम की इस दशा से खुद को सुरक्षित रखने के लिए एहतियात बहुत जरूरी है। आइए कुछ उपायों पर डालते हैं एक नजर...
क्या है लू
विश्व मौसम संस्थान के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान लगातार पांच दिनों तक सामान्य तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो जाए तो गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है। लिहाजा बहने वाली हवा अत्यधिक गर्म हो जाती है जिसे लू कहते हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान लगातार दो दिनों तक 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर बना रहता है, तो इसे लू की दशा माना जाता है।
भारत में लू शुरुआत: गर्मियों के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच वाले दोआब क्षेत्र में पश्चिम से ये गर्म हवाएं चलती हैं। मई और जून के महीने में इन हवाओं का असर काफी घातक हो जाता है। सुबह और शाम के कुछ घंटों के अलावा पूरे दिन बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। अंत: मानसून के आगमन के साथ ही इन गर्म हवाओं पर लगाम लगती है। मध्य जून तक इनकी तीव्रता धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसका प्रमुख कारण पश्चिम से बहने वाली हवाएं दिशा परिवर्तन कर पूर्व की तरफ से बहने लगती हैं।
धूप को देनी है मात तो करें ये उपाय
- चाय और कॉफी ज्यादा न पीयें
- ताजे, हल्के और सुपाच्य भोजन करें
- तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें
- ऐसी चीजों का सेवन करें जो शरीर को ठंडा रखें
- तेज गर्मी और धूप में अधिक समय तक न रूकें
- धूप से निकलकर तुरंत एसी या ठंडे स्थान पर न जाएं
- बाहर निकलने से पहले भरपूर पानी पीयें, नारियल पानी भी लें
- तेज धूप में निकलने से पहले संस्क्रीन, गॉगल, छतरी, टोपी का प्रयोग करें
- रसीले फलों, सब्जियों, दही, छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी अधिक मात्रा में लें
जनजीवन पर असर
हर साल इन घातक हवाओं की चपेट में आकर सैंकड़ों लोग मारे जाते हैं।
इस दौरान पक्षी और जानवर भी इसके चपेट में आकर मारे जाते हैं। पेड़-पौधे सूखे जाते हैं।
लू के असर से बड़ी संख्या कीटों के मारे जाने के चलते कई बीमारियों के ग्राफ में गिरावट देखी जाती है।
स्वास्थ्य पर असर
अकड़न: गर्मी के दौरान ज्यादा मेहनत से मांसपेशियों में दर्द एवं ऐंठन शुरू हो जाती है। शरीर को गर्मी से होने वाले नुकसान का यह पहला लक्षण होता है।
पानी की कमी: ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है। जिसके कारण रक्त का प्रवाह त्वचा की तरफ तेजी से होता है और जरूरी अंगों के लिए खून का संचार धीमा हो जाता है। समय पर उपचार न होने से मौत भी हो सकती है।
हीट स्ट्रोक: शरीर के तापमान नियंत्रक तंत्र के फेल हो जाने पर पसीना निकलने की क्रिया प्रभावित होती है जिससे शरीर को ठंडा रखने के लिए जरूरी पसीना नहीं निकल पाता और शरीर का तापमान बढ़ता जाता है। शरीर के तापमान के ज्यादा बढ़ जाने से मस्तिष्क आघात हो सकता है।
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