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बिल नहीं चुकाने पर मरीज को बनाया बंधक, सीएम ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 01:12 PM (IST)
बिल नहीं चुकाने पर मरीज को बनाया बंधक, सीएम ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
बिल नहीं चुकाने पर मरीज को बनाया बंधक, सीएम ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

शाजापुर, एजेंसी।  मध्य प्रदेश के शाजापुर में निजी अस्पताल में इलाज का बिल नहीं चुकाने पर मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। शनिवार देर शाम एसडीएम साहेब लाल सोलंकी स्वास्थ्य टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और बयान लिए। राजगढ़ जिले के रनारा गांव निवासी लक्ष्मीनारायण दांगी को पेट में तकलीफ होने पर शाजापुर के निजी अस्पताल में एक जून को भर्ती कराया गया था। स्वजन उन्हें घर ले जाना चाह रहे थे, किंतु बिल नहीं चुकाने से अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें रोक लिया।

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मरीज की बेटी सीमा दांगी ने आरोप लगाए कि उनके पास रुपये नहीं थे, इसलिए पिता को ले जा रहे थे। अस्पताल स्टाफ ने उन्हें रोक लिया और उनके पिता के पलंग से हाथ-पैर बांध दिए। दो दिन वे इसी हाल में रहे। शुक्रवार देर रात मीडियाकर्मी पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पहुंची पुलिस ने मरीज को घर जाने दिया। शनिवार को मामले ने तूल पकड़ा और मुख्यमंत्री ने अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई किए जाने को लेकर ट्वीट किया।

बेटी ने सुनाई पीड़ा

बेटी सीमा का कहना है कि पेट में तकलीफ होने पर पिता को भर्ती कि या था। इलाज से आराम भी हुआ। दो बार हमने यहां रुपये जमा किए। रुपये खत्म होने पर हमने छुट्टी करने को कहा तो अस्पताल वाले 11 हजार रुपए मांगने लगे। हम जाने लगे तो रोक लिया और पिता के हाथ-पैर पलंग से बांध दिए। अस्पताल में ही मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की। राधेश्याम नामक व्यक्ति ने बताया कि पैसे का कोई चक्कर था, इसलिए मरीज को बांध रखा है। दो दिन से खाने को भी कुछ नहीं दिया, सिर्फ पानी पिलाया है। उन्होंने उसे भोजन कराने की कोशिश की किंतु हाथ-पैर बंधे होने के कारण मदद नहीं कर सके ।

संचालक बोले- तकलीफ के कारण भाग रहा था, इसलिए बांधा

अस्पताल के संचालक डॉ. वरुण बजाज ने बताया कि मरीज को आंत की रुकावट थी। वह फ्रेश नहीं हो पा रहा था, इसलिए उसकी नाक से नली डाली गई थी। ऐसे में मरीज को तकलीफ होती है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति गड़बड़ा जाती है। इससे वह अजीब हरकतें करने के साथ उठकर भागने लगता है। इस कारण उसे रोकने के लिए बांधा गया था। बिल की राशि के लिए मरीज को बांधने के आरोप गलत हैं। मरीज की बेटी का कहना था कि हम बिल नहीं देंगे। इसे लेकर हमने लिखित में पुलिस को शिकायत भी की थी।

जांच के बाद कार्रवाई

अस्पताल द्वारा मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है। रिपोर्ट मिलते ही नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- दिनेश जैन, कलेक्टर


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