हनी ट्रैप: पुलिस का आलाधिकारी फायदा पहुंचाता, उससे पहले ही खुल गया राज
पता चला है कि पुलिस मुख्यालय के एक आलाधिकारी द्वारा गिरोह की एक महिला को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में प्रतिदिन नए राज उजागर हो रहे हैं। पता चला है कि पुलिस मुख्यालय के एक आलाधिकारी द्वारा गिरोह की एक महिला को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था। फायदा मिलने से पहले ही मामला उजागर हो गया। गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की शिकायत के बाद ही हनी ट्रैप मामले का राजफाश हुआ था। इसमें कई नेताओं और अधिकारियों कीं संलिप्तता की बात सामने आ रही है।
गिरोह का राजफाश
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह की एक महिला कुछ महीने पहले एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के संपर्क में आई तो उसने उसे फायदा पहुंचाने के लिए रास्ता ढूंढने का भरोसा दिलाया। इस अधिकारी के पास महिला कई बार पहुंची। उसकी अधिकारी के कक्ष में सीधी एंट्री थी। अधिकारी वैज्ञानिक जांच से जुड़ी सामग्री की खरीदी के लिए महिला के साथ कई बैठकें कर चुका था, लेकिन इसी बीच गिरोह का राजफाश हो गया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की संलिप्तता के चलते इस गिरोह को राजनीतिक रंग देकर जांच की दिशा को मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी पता चला है कि गिरोह की सदस्य श्वेता विजय जैन रुतबा दिखाने के लिए जिस मर्सडीज में घूमती थी, वह महाराष्ट्र के पनवेल से खरीदी गई थी।
आज भी ताकतवर है अधिकारी
सूत्र बताते हैं कि जिन अधिकारियों के नाम गिरोह से संबंध के तौर पर चर्चा में हैं, उनमें से एक अधिकारी की पिछले दिनों सीडी सार्वजनिक हो चुकी है। एक अन्य आलाधिकारी भाजपा सरकार में जितना ताकतवर था, उतना ही आज भी है। हालांकि, इस सरकार ने उनका अभी विभाग बदला है। वहीं, एक और आलाधिकारी के चर्चे महिलाओं के साथ संबंधों के कारण भाजपा सरकार के समय भी रहे हैं। पुलिस अधिकारियों में एक आलाधिकारी वह भी है, जो भाजपा सरकार के कार्यकाल में फील्ड में ही रहा था। उनके भाजपा के राष्ट्रीय नेता से अच्छे संबंध हैं। सूत्रों के मुताबिक गिरोह से जुड़ी एक महिला के एनजीओ को भोपाल नगर निगम में भी काम मिला है। जो करीब दो-तीन साल से अनवरत जारी है।
कांग्रेस हाईकमान भी गंभीर
सूत्रों का कहना है कि नेताओं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह से भाजपा के अलावा कांग्रेस नेताओं के नाम भी चर्चा में आने से कांग्रेस हाईकमान गंभीर हुआ है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को दिल्ली प्रवास के दौरान हाईकमान को इस मामले की जानकारी दी है।
इंजीनियर निलंबित, एसआइटी गठित
इंदौर में नगर निगम के इंजीनियर (अधीक्षण यंत्री) हरभजन सिंह को सोमवार को प्रभारी निगमायुक्त एस. कृष्ण चैतन्य ने निलंबित कर दिया। महापौर मालिनी गौड़ ने प्रभारी निगमायुक्त को निर्देश दिए थे कि वह सिंह को निलंबित करें। इससे पहले उन्होंने नगरीय विकास मंत्री जयवर्धनसिंह से भी हरभजन को निलंबित करने का आग्रह किया था। इसके बाद आदेश जारी हुए। आरती दयाल व मोनिका यादव की गिरफ्तारी के बाद भोपाल से श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा भटनागर सोनी को पकड़ा गया था।
उधर, हनीट्रैप मामले में पुलिस मुख्यालय ने एसआइटी का गठन कर दिया है। इसके प्रमुख आइजी सीआइडी डी. श्रीनिवास वर्मा होंगे। वहीं, मामले में इंदौर कोर्ट में जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायालय ने मंगलवार को जमानत पर फिर से विचार करने की बात कही है। श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन की जमानत के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन सुनवाई के दौरान पुलिस ने डायरी पेश नहीं की।
दरवाजा तोड़कर आरती के घर में घुसी क्राइम ब्रांच
क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार को आरोपित आरती दयाल के छतरपुर स्थित घर में दरवाजा तोड़कर घुसी। पुलिस को हार्ड डिस्क सहित कुछ दस्तावेजों की तलाश थी। पुलिस के पहुंचने पर आरती की मां ने खुद को कमरे में कैद कर लिया था।