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कोरोना वायरस के बचाव में कारगर 'होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एलबम-30', पढ़े एक्सपर्ट की राय

डॉ. योगेंद्र राय ने बताया कि सर्दी-जुकाम व शरीर दर्द होने पर आर्सेनिक एलबम-30 नाम की होम्योपैथिक दवा का दिन में तीन बार उपयोग करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2020 03:25 PM (IST)
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कोरोना वायरस के बचाव में कारगर 'होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एलबम-30', पढ़े एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का खतरा सामान्य तौर पर उन लोगों को है, जिनकी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। सर्दी-खांसी, जुकाम व सांस लेने में परेशानी, शरीर दर्द होने पर आर्सेनिक एलबम-30 नाम की होम्योपैथिक दवा का दिन में तीन बार उपयोग करके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है। सावधानी बरतकर महामारी बन चुकी इस बीमारी से बचा जा सकता है। जानें क्‍या कहते है नोएडा के केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान के डॉ. योगेंद्र राय और सेवानिवृत वैज्ञानिक- डॉ. डीपी रस्तोगी

हाल के दिनों में सर्दी खांसी व जुकाम से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। अधिकांश लोग इसका मुख्य कारण कोरोना वायरस को मान रहे हैं। जबकि पहले भी लोग सर्दी खांसी होने पर घर में ही रहकर बर्दाश्त करते या फिर दवा खाते थे। अब तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। लोगों को इस बीमारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है।

आयुष मंत्रालय ने एक एडवायजरी जारी करके कोरोना वायरस से बचाव के लिए आर्सेनिक एलबम-30 दवा के सेवन की बात कही है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस दवाई को दिन में तीन बार लेना होता है। अगर जरूरत पड़ने पर बाद में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर फिर भी यह बीमारी ठीक नहीं होती है, तो होम्योपैथी में बीमारी के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर दवा खाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर एक हफ्ते में व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। आर्सेनिक एलबम वायरल के सभी लक्षणों पर काम करती है। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह दवा कारगर है। बचाव और इलाज दोनों के लिए ही इस्तेमाल की जा सकती है।

चूंकि कोरोना वायरस एक सामान्य वायरल से होने वाला वायरस है और बहुत तेजी से फैल रहा है। यह कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में व्यक्तियों में फेफड़ों को प्रभावित करता है। ऐसे में जुकाम, सर्दी, छींक, नाक से पानी आना, सिरदर्द होना और बुखार या खांसी को दूर करने के लिए लाभदायक है। सामान्य तौर पर शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी, किडनी और लिवर में तकलीफ, निमोनिया, पाचन में गड़बड़ी, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ इस वायरस के लक्षण है। संबंधित लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए।

खासतौर पर कोरोना वायरस को मरीज को आइसोलेट करना चाहिए। वहीं वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। चूंकि यह वायरस एक इंसान से दूसरे में फैलता है इसलिए भीड़भाड़ वाले इलाके में तीन से छह फुट की दूरी बनाकर चलें। सार्वजनिक वाहन से यात्रा के दौरान दस्ताने पहनें। इसके अतिरिक्त लोगों ने कोरोना वायरस से मानसिक तनाव लेने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा इस वायरल के कम होने की भी उम्मीद है।