गृह मंत्रालय ने साफ की तस्वीर: दिल्ली दंगों के दौरान 1,829 लोगों की गिरफ्तारी, 755 प्राथमिकी, 53 लोगों ने अपनी जान गंवाई
ज्ञात हो कि पिछले साल 24 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो गुटों में संघर्ष के बाद उत्तर-पूर्व दिल्ली में दंगे फैल गए थे। इन दंगों में कम से कम 53 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि कुछ स्कूलों सहित संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा था।
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने बुधवार को बताया कि पिछले साल दिल्ली के उत्तर-पूर्व इलाके में हुए दंगों के संदर्भ में 755 प्राथमिकी दर्ज की गईं और इस सिलसिले में 1,829 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सभी मामलों की जांच नवीनतम वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करते हुए तथा तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर आरोपित व्यक्तियों की पहचान का लिहाज किए बिना की जाती है।
इन दंगों में कम से कम 53 लोगों ने अपनी जान गंवाई
रेड्डी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दंगों के सिलसिले में 755 प्राथिमकी दर्जी की गई हैं जिनमें से 62 जघन्य मामलों की जांच अपराध शाखा के विशेष जांच दल द्वारा की जा रही है। दंगों के पीछे की आपराधिक साजिश का पता लगाने के लिए एक मामले की जांच विशेष शाखा द्वारा की जा रही है और शेष 692 मामलों की जांच उत्तर-पूर्व जिला पुलिस द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि कुल 1,829 लोगों को दंगों के संबंध में गिरफ्तार किया गया है और 353 मामलों में आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया है। ज्ञात हो कि पिछले साल 24 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो गुटों में संघर्ष के बाद उत्तर-पूर्व दिल्ली में दंगे फैल गए थे। इन दंगों में कम से कम 53 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि कुछ स्कूलों सहित संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा था।
यौन उत्पीड़न, मर्डर और किडनैपिंग के मामलों की दी जानकारी
संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2018 व 2019 में यौन उत्पीड़न, मर्डर और किडनैपिंग के कितने केस रिपोर्ट हुए? इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बुधवार को जानकारी दी कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार साल 2018 में यौन उत्पीड़न के 33 हजार 356, मर्डर के 29 हजार 017 मामले और किडनैपिंग के 1,05,734 मामले रिपोर्ट हुए। वहीं 2019 में 32 हजार 033 यौन उत्पीड़न, 28 हजार 918 मर्डर और किडनैपिंग के एक लाख पांच हजार 037 मामले रिपोर्ट हुए। मंत्रालय ने यह भी बताया कि 2019 तक के रिपोर्ट उपलब्ध हैं।