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डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाया साइबर सेफ एप

गृह मंत्रालय ने साइबर सेफ एप बनाया है। यह डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए एक व्यापक प्रणाली है। यह एप 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले एक अखिल भारतीय धोखाधड़ी गिरोह के निष्प्रभावी होने की ओर ले जाता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 05:50 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:54 PM (IST)
डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाया साइबर सेफ एप
डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए एक व्यापक प्रणाली है

नई दिल्ली, एजेंसी। गृह मंत्रालय ने साइबर सेफ एप बनाया है। यह डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए एक व्यापक प्रणाली है। यह एप 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले एक अखिल भारतीय धोखाधड़ी गिरोह के निष्प्रभावी होने की ओर ले जाता है। पहले अभियान में 18 राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है। गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाई के साथ मिलकर कई राज्यों की पुलिस, फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) कंपनियों और जांच एजेंसियों ने 350 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से आठ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उनके पास से 333 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं और 100 बैंक खाते भी सीज किए गए हैं।

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क्या है साइबरसेफ

साइबरसेफ एक एप है और इसी नाम से वेबसाइट भी है। इसे गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली एफकोर्ड (एफआइसीएन कोओर्डिनेशन सेंटर) ने अगस्त 2019 में तैयार किया था। वैसे तो एफकोर्ड का मुख्य उद्देश्य नकली भारतीय करेंसी नोटों का पता लगाने और उसके खिलाफ कार्रवाई में एजेंसियों के बीच तालमेल करना था। लेकिन बाद में एफकोर्ड ने निजी एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर ठगी के मामले की रियल टाइम जानकारी साझा करने और आरोपियों तक पहुंचने में मदद के लिए साइबरसेफ को तैयार किया।

साइबरसेफ से जुड़ी हैं तीन हजार सुरक्षा एजेंसियां

इस समय देश के 19 राज्यों की पुलिस समेत देश की तीन हजार से अधिक सुरक्षा एजेंसियां इससे जुड़ी हैं। इसके साथ ही 18 फिनटेक कंपनियां भी इसमें शामिल हैं। साइबरसेफ में ठगी से जुड़े 65 हजार मोबाइल फोन और 55 हजार फोन नंबर का डाटा उपलब्ध है। अब साइबरसेफ को यूपीआइ डोमेन से जोड़ने के लिए नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया से बातचीत चल रही है। इससे जुड़ने के बाद साइबरसेफ साइबर क्राइम के खिलाफ और ज्यादा असरदार साबित हो सकता है।


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