हिन्दी आम आदमी से संवाद का सशक्त माध्यम : शिवराज
हिन्दी आम आदमी से संवाद करने और उसे सहज रूप से लाभ पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। प्रशासन में हिन्दी की सरल शब्दावली शासन और जनता के बीच में दूरी खत्म करने का काम करती है।
भोपाल। हिन्दी आम आदमी से संवाद करने और उसे सहज रूप से लाभ पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। प्रशासन में हिन्दी की सरल शब्दावली शासन और जनता के बीच में दूरी खत्म करने का काम करती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में ' प्रशासन में हिन्दी ' सत्र की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पहले शासकों ने अंग्रेजी के माध्यम से जनता से दूरी बनाई और बाद में भी ऐसी मानसिकता पनपी कि अंग्रेजी बोलने वाला श्रेष्ठ होता है। ऐसी मानसिकता आज भी विभिन्न वर्ग के कुछ लोगों में व्याप्त है, जो अंग्रेजी के वर्चस्व के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भाषा के विरोधी नहीं हैं, लेकिन अंग्रेजी कभी आम जनता की भाषा नहीं बन पाई।
चौहान ने कहा कि हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों में प्रतिभा, क्षमता और योग्यता की कोई कमी नहीं होती है। हिन्दी ज्ञान, विज्ञान और तकनीक की भाषा है। सम्मेलन में मिलने वाले सुझाव को अमल में लाकर प्रशासन में सरल हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
चर्चा में भाग लेते हुए राजेन्द्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि प्रशासन में हिन्दी लोकोन्मुखी और कल्याणकारी होना चाहिए। डॉ. रामलखन मीणा ने कहा कि हिन्दी समृद्ध भाषा है, इसमें अन्य भाषा के शब्दों को अंगीकार करने की क्षमता है। साथ ही इसमें अभिव्यक्ति और सृजन की अपार क्षमता है।
राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव पूनम जुनेजा ने हिन्दी के राजभाषा बनने की ऐतिहासिक परिस्थितियों से अवगत करवाया। सांसद डॉ. सत्यनारायण जटिया ने कहा कि अब देश में हिन्दी का प्रसार बढ़ रहा है। 'इसरो' जैसी संस्था में 92 प्रतिशत पत्राचार में उपयोग करना हिन्दी के प्रसार के लिए उत्साहवर्धक है।