सनकी बेटा: मोबाइल पर आपत्तिजनक मैसेज देख मां को पीटा फिर मार दी डीएसपी को गोली
अवधपुरी में सीआईडी के डीएसपी जीएल अहिरवाल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी हिमांशु प्रताप सिंह (Himanshu singh) गिरफ्तार कर लिया गया है।
भोपाल, जेएनएन। अवधपुरी में घर में घुसकर सीआईडी के डीएसपी जीएल अहिरवाल की गोली मारकर हत्या करने के मामले में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी हिमांशु प्रताप सिंह (26) को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में हिमांशु के तीन दोस्तों भी गिरफ्तार किए गए हैं। उन्हें साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया देशी कट्टा बरामद किया गया है।
पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में खुलासा हुआ है कि ए-196,अवधपुरी निवासी डीएसपी अहिरवाल और हिमांशु की मां के बीच मधुर संबंध थे। दोनों मोबाइल पर बात करते थे और आपस में मैसेज भी शेयर करते थे। हिमांशु ने बुधवार को मां के मोबाइल फोन में कुछ आपत्तिजनक मैसेज देखे जिसके बाद उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था। पहले तो उसने अपनी मां की पिटाई की और इसके बाद बाद अवधपुरी पहुंचकर अवैध संबंधों के शक में डीएसपी मौत के घाट उतार दिया।
एसपी साउथ संपत उपाध्याय के मुताबिक, डीएसपी जीएल अहिरवाल बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे हत्या करने के बाद नेहरू नगर पुलिस लाइन का रहने वाला हिमांशु अपनी बिना नंबर की सफेद कलर की कार से फरार हो गया था। पुलिस उसे शिद्दत के साथ तलाश रही थी। उसकी तलाश के लिए तीन टीमें गठित की गई थीं। बचने की लाख कोशिशों के बावजूद बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात हिमांशु को विदिशा पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
एएसपी संजय साहू ने बताया कि हिमांशु की 20 दिन पहले खरीदी गई कार भी जब्त कर ली गई है। इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर अभी जारी नहीं हुआ है। हिमांशु ने हत्या करने के बाद अपने तीन दोस्तों को मिनाल रेसीडेंसी कॉलोनी के पास फोन करके बुलाया था। उसने अपने दोस्तों को हत्या के बारे में जानकारी दी और हत्या में इस्मेमाल 315 बोर का कट्टा ठिकाने लगाने के लिए दे दिया था। पुलिस ने डिपो चौराहा के पास रहने वाले हिमांशु के तीनों दोस्तों चैतन्य शर्मा (28), शक्तिनगर निवासी अनिल राजपूत (25) और सुभाष कॉलोनी निवासी सूरज यादव (20) को गिरफ्तार कर लिया है।
हिमांशु ने खुलासा किया है कि उसने जबलपुर में रहने वाली अपनी गर्ल फ्रेंड को फोन पर इस वारदात के बारे में बताया था। वह विदिशा से होते हुए जबलपुर फिर रीवा भागना चाहता था। उसके खिलाफ गोविंदपुरा थाने में एक चाकूबाजी की घटना को लेकर भी केस दर्ज है। यही नहीं पांच साल पहले सीआईडी अधिकारी बनकर ट्रक चालकों से वसूली के मामले में भी उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है।
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