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Himachal Pradesh: पांच दिन बाद रत्नी टिब्बा से सुरक्षित निकाले गए पर्वतारोही, हेलिकाप्टर की ली गई मदद

हिमाचल के मलाणा की माउंट अली रत्नी टिब्बा चोटी से बीते पांच दिनों से चार पर्वतारोही लापता थे। इनको मलाणा से जरी व वहां से क्षेत्रीय कुल्लू अस्पताल लाया गया। यहां चारों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई है।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2022 02:31 AM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:31 AM (IST)
Himachal Pradesh: पांच दिन बाद रत्नी टिब्बा से सुरक्षित निकाले गए पर्वतारोही, हेलिकाप्टर की ली गई मदद
माउंट अली रत्नी टिब्बा चोटी में लापता पर्वतारोही बचाए गए।

मनाली, जागरण संवाददाता। हिमाचल के मलाणा की माउंट अली रत्नी टिब्बा चोटी में लापता हुए कोलकाता के चार ट्रैकरों (पर्वतारोही) को पांच दिन बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। इनको मलाणा से जरी व वहां से क्षेत्रीय कुल्लू अस्पताल लाया गया। यहां चारों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई। अब इनको घर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है। चारों ट्रैकर सात सितंबर से लापता थे। ये ट्रैकर पुलिस व प्रशासन की अनुमति के बिना ही ट्रैकिंग पर निकले थे।

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10 किमी पैदल चलकर बचाया

अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टीम ने कोलकाता के ट्रैकर अभिजीत बानिक, चिन्मय मंडल, दिबाश दास और बिनाय दास को सोमवार देर शाम को मलाणा पहुंचाया। बेस कैंप से करीब 10 किलोमीटर का पैदल सफर कर बचाव दल के साथ ये लोग वापस आए। चारों मलाणा की 18 हजार फीट ऊंची माउंट अली रत्नी टिब्बा चोटी को फतह करने निकले थे।

हेलीकाप्टर से की गई रैकी

बुधवार से इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था और न ही इनके बारे में कोई जानकारी मिल रही थी। शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान की टीम इनकी तलाश में मनाली से रवाना हुई थी। रविवार को टीम के सदस्यों का इन ट्रैकर से संपर्क हुआ और हेलीकाप्टर से की गई रैकी में भी वे बेस कैंप में देखे गए। इसके बाद बचाव दल इनको लेने के लिए रवाना हुआ था।

बुधवार को संपर्क कटा

ये ट्रैकर 18 अगस्त को कोलकाता से मनाली के लिए चले थे, 21 अगस्त को मनाली पहुंचे। मणिकर्ण के निकट जरी से 22 अगस्त को माउंट अली रत्नी टिब्बा का रुख किया। इन्होंने 15 सितंबर को वापस हावड़ा पहुंचना था, लेकिन बुधवार को इनसे संपर्क कट गया था। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया कि सभी चारों ट्रैकर को सुरक्षित निकाल लिया है। इनके पास पर्याप्त खाना था। ऐसे में खतरा कोई खतरा नहीं था। उन्होंने ट्रैकरों से आग्रह किया कि अनुभवी गाइड के साथ ही ट्रैकिंग पर निकलें। 

कुल्लू के पुलिस अधीक्षक की ट्रैकरों से अपील

इस बीच कुल्लू के पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा ने कहा कि कुल्लू-मनाली की पहाड़ियों में ट्रैकिंग पर जाने से पहले पंजीकरण जरूर करवाएं। ट्रैकिंग के दौरान अपने मोबाइल का जीपीएस आन रखें, ताकि पुलिस उनकी लोकेशन का पता लगा सके और आपात स्थिति में उन तक पहुंच सके। उन्होंने ट्रैकरों से आग्रह किया की पूरी जानकारी और सुरक्षा उपकरणों के साथ ही पहाड़ों का रुख करें।


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