नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार की ओर से जारी अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआइएसएचई) 2020-21 में कहा गया है कि देश में सबसे अधिक कालेज उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है। सबसे अधिक कालेज वाले 10 राज्यों में राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना और केरल भी शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर कम-से-कम 29 कालेज हैं।
एसटी छात्रों के नामांकन में 47 प्रतिशत की वृद्धि
उत्तर प्रदेश में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 32 महाविद्यालय हैं। महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 34 और कर्नाटक में 62 है। सर्वे रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि ज्यादातर कालेजों में सिर्फ स्नातक स्तर की पढ़ाई होती है। सिर्फ 2.9 प्रतिशत कालेजों में पीएचडी होता है।
55.2 प्रतिशत महाविद्यालयों में पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई होती है। 35.8 प्रतिशत कालेज ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है। इनमें से 82.2 प्रतिशत कालेजों का प्रबंधन निजी हाथों में है। ऐसे कालेजों में 30.9 प्रतिशत महाविद्यालयों में सिर्फ बीएड की पढ़ाई होती है।
यदि नामांकन के लिहाज से देखें तो ज्यादातर कालेज छोटे हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2014-15 की तुलना में 2020-21 में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन बढ़ा है। एसटी छात्रों के नामांकन में 47 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इन राज्यों में सबसे ज्यादा कालेज उत्तर प्रदेश- 8,111, महाराष्ट्र- 4,532, कर्नाटक- 4,233, राजस्थान- 3,694, तमिलनाडु- 2,667
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