अमरनाथ यात्रियों पर हमले की उच्चस्तरीय समीक्षा
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय व खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारी, केंद्र सरकार की सैन्य एजेंसियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले ने सुरक्षा एजेंसियों के इंतजामों की कलई खोल दी है लेकिन सरकार ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता ले लिया है और सुरक्षा इंतजामों की नये सिरे से समीक्षा शुरु की गई है। सोमवार रात हमला होने की खबर मिलने के तुरंत बाद से ही दिल्ली में गृह मंत्रालय व पीएमओ के बीच विचार विमर्श चल रहा है। मंगलवार को सुबह गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे हालात का जायजा लेते हुए सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता कदम उठाने के आदेश दिये।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय व खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारी, केंद्र सरकार की सैन्य एजेंसियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में इस बात पर खास तौर पर चर्चा की गई कि आने वाले दिनों में इस तरह के हमले को कैसे रोका जाए। गृह मंत्री ने सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों के प्रतिनिधियों से कहा कि जहां भी संभव हो वहां सुरक्षा चूकों को दूर किया जाए ताकि आने वाले दिनों में यात्रा बगैर किसी दिक्कत के पूरी हो सके। बाद में एनएसए डोभाल पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने गये जहां उन्हें बैठक के बारे में जानकारी देने के अलावा आने वाले दिनों में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता बनाने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं इसकी भी जानकारी उन्हें दी।
बैठक के बाद गृह मंत्री ने कहा कि आतंकियों के कायराने हमले की जितनी निंदा की जाए वह कम है। यह एक पीड़ादायक घटना है लेकिन यह संतोष की बात है कि सारा देश इस मामले पर एक साथ है। उन्होंने इस हमले की जम्मू व कश्मीर के लोगों की तरफ से इसकी निंदा किए जाने और गहरा अफसोस जताने पर खुशी का इजहार किया। सिंह ने कहा कि, ''इससे साफ पता चलता है कि कश्मीरियत अभी जिंदा है।'' गृह मंत्री का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि कई जानकार यह मान रहे हैं कि इस हमले का बड़ा उद्देश्य भारत में धार्मिक हिंसा को भड़काना है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने हालात की ग्राउंड रिपोर्ट लेने के लिए गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर को जम्मू व कश्मीर के लिए रवाना किया है। अहीर यात्रियों के सुरक्षा के साथ उनके रहने, खाने पीने व अन्य चीजों की व्यवस्था का हाल लेंगे। सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर पहले ही श्रीनगर पहुंच चुके हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार हमले को लेकर कई स्त्रोतों से जानकारी एकत्रित करा रही है। राज्य सरकार की तरफ से मंगलवार देर शाम तक रिपोर्ट आएगी जबकि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की तरफ अलग अलग रिपोर्टे भी आएंगी। इसके बाद ही मौजूदा सुरक्षा इंतजामों आवश्यक बदलाव करने पर फैसला किया जाएगा। वैसे सरकार ने कश्मीर के हालात को देखते हुए इस बार सुरक्षा इंतजामों को पहले से काफी मजबूत किया हुआ था।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए 21 हजार सैन्य बलों को लगाया गया है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 9500 ज्यादा है। वैसे घटना के बाद मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की सीपीआरएफ और भारतीय सेना ने मिल कर समीक्षा भी की है और इन्हें मजबूत बनाने के और जो भी कदम संभव थे, उन्हें उठाया गया है। सोमवार को देर रात हुए हमले में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे सात तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी है। इसमें छह महिलायें हैं जबकि 19 लोग घायल हैं।
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