हाईकोर्ट से वोडाफोन को राहत नहीं, TRAI व दूरसंचार विभाग से मांगा जवाब
अदालत में वोडाफोन ने ट्राई के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें उस पर 1050 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 1050 करोड़ रुपये के जुर्माना मामले में हाई कोर्ट ने वोडाफोन को राहत देने से इन्कार कर दिया है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने वोडाफोन के उस तर्क को खारिज कर दिया कि दूरसंचार नियामक द्वारा जुर्माना लगाने संबंधी सिफारिश पर अंतरिम रोक लगाई जाए। अदालत ने इस मामले में दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।
अदालत में वोडाफोन ने ट्राई के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें उस पर 1050 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है। वोडाफोन ने इस निर्णय को मनमाना बताया है। आरोप है कि वोडाफोन ने रिलायंस जियो को इंटर कनेक्टिविटी नहीं दी।
ट्राई ने वोडाफोन के जम्मू-कश्मीर को छोड़कर 21 सर्कलों पर प्रत्येक के लिए 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने की सिफारिश की है। ट्राई के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि वोडाफोन की याचिका विचार योग्य ही नहीं है। वहीं, वोडाफोन ने दावा किया है कि पूरी प्रक्रिया में ट्राई ने मनमाना रवैया अपनाया है। वोडाफोन की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा हमने जियो को इंटरकनेक्टिविटी इस साल दिसंबर अंत तक प्रदान की है। उन्होंने कहा कि ट्राई को जुर्माना लगाने के लिए सिफारिश करने का अधिकार नहीं है। वह मात्र लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिश कर सकता है।