दोहरी उम्रकैद की सजा पाए व्यक्ति को हाईकोर्ट ने किया बरी
सीबीआइ कोर्ट से दोहरी उम्रकैद की सजा पाए प्रमुख आरोपी वीवी हमसा को सोमवार को केरल हाईकोर्ट ने बरी कर दिया।
कोच्चि, प्रेट्र। प्रगतिशील मुस्लिम धर्मगुरु चेकन्नूर मौलवी के दो दशक पहले रहस्यमयी तरीके गुमशुदगी के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट से दोहरी उम्रकैद की सजा पाए प्रमुख आरोपी वीवी हमसा को सोमवार को केरल हाईकोर्ट ने बरी कर दिया।
बता दें कि जांच एजेंसी के मुताबिक, मौलवी को मल्लापुरम जिले के एडापल स्थित उनके घर से 29 जुलाई 1993 को अगवा किया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। हालांकि उनका शव नहीं मिला था।
मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआइ कोर्ट ने प्रमुख दोषी वीवी हमसा को जहां दोहरी उम्रकैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी वहीं बाकी आठ अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
सोमवार को सीबीआइ के फैसले को पलटते हुए जस्टिस एएम शफीक और केपी शोमराजन की खंडपीठ ने हमसा को बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब तक पुलिस एक भी ऐसा सुबूत पेश नहीं कर सकी है, जिससे यह माना जाए कि मौलवी की मौत हो गई है। पुलिस और सीबीआइ की लाख कोशिशों के बावजूद उसका शव बरामद नहीं किया जा सका है।