Move to Jagran APP

High blood pressure वाले हो जाएं सावधान, कम उम्र में बढ़ रहा इसका खतरा

High blood pressure देश में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 30 फीसद से ज्यादा लोग हाई ब्लड प्रेशर से हैं ग्रस्त उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जा रही है समस्या।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 02:16 PM (IST)
High blood pressure वाले हो जाएं सावधान, कम उम्र में बढ़ रहा इसका खतरा
High blood pressure वाले हो जाएं सावधान, कम उम्र में बढ़ रहा इसका खतरा

नई दिल्ली, आइएसडब्ल्यू। हृदयाघात, हार्ट फेल, स्ट्रोक और कई अन्य जानलेवा बीमारियों के लिए जिम्मेदार उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) भारत में तेजी से पैर पसार रहा है। भारतीय शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। पूरे देश के 18 वर्ष से अधिक उम्र के 1.80 लाख से अधिक मरीजों के रक्तचाप आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं।

loksabha election banner

विभिन्न आयु वर्ग के लोग उच्च रक्तचाप का शिकार हो रहे हैं, लेकिन कम उम्र के युवा भी बढ़ते रक्तचाप से अछूते नहीं हैं। अध्ययन में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 30 फीसद से ज्यादा लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त पाए गए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि 18 से 19 वर्ष के युवाओं में से सिर्फ 45 फीसद युवाओं का रक्तचाप सामान्य पाया गया है। 20 से 44 वर्ष के लोगों में उच्च रक्तचाप के मामले सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं। महिलाओं और पुरुषों में रक्तचाप के मामले बढ़ती उम्र के साथ बढ़ रहे हैं।

मरीजों के रक्तचाप संबंधी आंकड़े

कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2015 में देश के 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ लगाए गए रक्तचाप शिविरों से प्राप्त किए गए हैं। इन शिविरों में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के रक्तचाप नमूने प्राप्त किए गए हैं, जहां स्वचालित ऑसिलोमेट्रिक मशीनों का उपयोग करके रक्तचाप मापा गया था। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), केरल के त्रिस्सूर स्थित मदर हॉस्पिटल के गीवर जैकेरिया और नई दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हेल्थ इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका इंडियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

समय रहते प्रबंधन से कम हो सकता है खतरा

एम्स, नई दिल्ली के शोधकर्ता डॉ. एस. रामाकृष्णा ने बताया कि भारत में उच्च रक्तचाप की व्यापकता के बारे में अभी समझ सीमित है। उच्च रक्तचाप हृदय रोगों के अलावा कई अन्य बीमारियों से जुड़ा प्रमुख जोखिम माना जाता है। इन बीमारियों से लड़ने के लिए बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है। रक्तचाप जैसी बीमारी पैदा करने वाले कारकों का प्रबंधन समय रहते हो जाए तो स्वास्थ्य खतरों को कम करने के साथ-साथ इसके आर्थिक एवं सामाजिक दुष्परिणामों से भी बचा जा सकता है।

जागरूकता की है जरूरत

स्वास्थ्य से जुड़ी इस उभरती चुनौती को देखते हुए शोधकर्ताओं का कहना है कि रक्तचाप की जांच नियमित नैदानिक देखभाल में शामिल होनी चाहिए। युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है कि कम उम्र में भी वे उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकते हैं। इससे बचाव के लिए नियमित व्यायाम और संतुलित वजन के साथ-साथ नमक का कम से कम उपयोग किया जाना जरूरी है। यदि दो महीने तक लोग लगातार व्यायाम करें और भोजन में नमक का ध्यान रखें तो इसके सकारात्मक परिमाम देखने को मिलेंगे।

यह भी पढ़ें:

Cesarean Delivery Side Effects: सुविधा के नाम पर सिजेरियन का रास्ता अपनाना मां-बच्चे की सेहत के लिए सही नहीं

World Heart Day: भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल का भी रखना होगा ख्याल, हो जाएं सतर्क


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.