यदि दूर रखनी है डायबिटीज की बीमारी तो इसके लिए अंगूूूर है सबसे कारगर, जानें कैसे
अंगूर का सेवन मधुमेह के एक अहम कारक मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम से बचाता है। अंगूर शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अंगूर एक बलवर्द्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। अंगूर में पॉली-फेनोलिक फाइटोकेमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को न केवल कैंसर, बल्कि कोरोनरी हार्ट डिजीज, अल्जाइमर व फंगल इन्फेक्शन से भी लडऩे की क्षमता प्रदान करते हैं। रस से भरा अंगूर एक सुगंधित लता वाला फल है।
ज्यादातर लोगों को अंगूर पसंद होता है और मुलायम होने और ढेर सारे विटामिन्स से भरा होने के कारण बच्चे, बूढ़े और जवान सभी इसे शौक से खाते हैं। अगर आप नियमित तौर पर अंगूर का सेवन करते हैं तो आप कभी भी मधुमेह का शिकार नहीं होंगे क्योंकि अंगूर में वे तत्व होते हैं जो आपको मधुमेह से बचाते हैं। अंगूर का सेवन मधुमेह के एक अहम कारक मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम से बचाता है। अंगूर शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है।
अंगूर में सीमित मात्रा में कैलरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, सोडियम, फाइबर, विटमिन ए, सी, ई व के, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन भी मिलता है। शरीर के किसी भी भाग से रक्तस्राव होने पर अंगूर के एक ग्लास जूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी पूरी हो जाती है। अंगूर का गूदा ग्लूकोज व शर्करा युक्त होता है। विटमिन ए पर्याप्त मात्रा में होने से अंगूर का सेवन भूख बढाता है और पाचन शक्ति ठीक रखता है। अंगूर में एंटी कैंसर की विशेषता पाई जाती है जिससे कैंसर को ठीक करने में मदद मिलती है। आइए इसके अन्य गुणों के बारे में जानते हैं।
हार्ट अटैक का जोखिम कम : हार्ट-अटैक से बचने के लिए काले अंगूर का रस एस्प्रिन की गोली के समान कारगर है। काले अंगूर के रस में फ्लोवोनाइड्स नामक तत्व होता है जो खून के थक्के बनने से रोकता है। शोधों में भी साबित हो चुका है कि अंगूर हृदय के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है। गौरतलब है कि अंगूर में एक ऐसा रसायन पाया जाता है, जो हृदय को वृद्धावस्था के प्रभावों से बचाता है।
डायबिटीज में दे लाभ: आधा कप अंगूर से आपको 52 कैलोरी मिलती है। अंगूर प्राकृतिक रुप से मीठा होता है इसमें किसी तरह का शुगर नहीं होता है। मधुमेह रोगी अंगूर जैसे अन्य फल जो प्राकृतिक रुप से मीठे हो, खा सकते हैं। इससे किसी तरह का खतरा नहीं होता है। लाल अंगूर में फाइबर भी पाया जाता है इसके अलावा एक अलग तरह का कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता जो ब्लड शुगर का लेवल नहीं बढ़ता है। अंगूर में ग्लूकोज पाया जाता है जो रसायनिक प्रकिया के जरिए शरीर द्वारा सोख लिया जाता है। इसलिए अंगूर खाने के बाद आपको तुरंत ऊर्जा का एहसास होता है। अंगूर को सुबह-सुबह खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
कैंसर में फायदेमंद : कैंसर रोग में पहले तीन दिन थोड़े अंगूर का रस सेवन करें फिर धीरे-धीरे एक ग्लास तक पानी की आदत डालें। टायफाइड बुखार में मुनक्का सेवन करना फायदेमंद रहता है। इससे पेट साफ होता है तथा मल भी जमा नहीं होता।
मुंहासों में दे लाभ : अंगूर फोडे-फुंसियों एवं मुहासों को सुखाने में सहायता करता है। अंगूर के रस के गरारे करने से मुंह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है।
किडनी में लाभ : किडनी के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते लगभग 50 ग्राम पानी में पीसकर थोड़ा नमक मिलाकर छान लें रोगी को पिलाने से दर्द में लाभ होता है।
दूर करे एनीमिया : इसे दूर करने के लिए अंगूर से बढकर कोई दवा नहीं है। रोजाना एक ग्लास अंगूर का जूस पीने से हीमोग्लोबिन बढता है।
जलन करे दूर : पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगो दें और सुबह मसल कर निचोडें। इस रस में थोडी चीनी मिलाकर पीना चाहिए। भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में बदहजमी से छुटकारा मिलता है।
गले की परेशानी : अंगूर के रस से गरारे करना भी फायदेमंद होता है।
लू से बचाए : अंगूर के शरबत का नित्य सेवन गर्मी में लू के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करता है।
गठिया में कारगर : अंगूर शरीर से उन लवणों को निकाल देता है, जिनके कारण गठिया शरीर में बनी रहती है। गठिया की परिस्थितियों को साफ करने के लिए नियमित रूप से सुबह के समय अंगूर खाने चाहिए ।
माइग्रेन : रोज सुबह अंगूर का रस पीने से माइग्रेन की समस्या ठीक हो जाती है।
शरीर को करे डिटॉक्स : अंगूर शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और रक्त को साफ करता है। तो है न कमाल का अंगूर। एक रसीला फल लेकिन गुणों की खान। बस इसका औषधीय प्रयोग चिकित्सीय परामर्श से करें तो बेहतर है।