अयोध्या मामले में 8 फरवरी से होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की सूची में अयोध्या मामला आठ फरवरी को दोपहर दो बजे विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार है। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पक्षकारों के बीच दस्तावेजों का लेन देन पूरा हो चुका है। मामला आठ फरवरी को सुनवाई के लिए लगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई 5 दिसंबर को पक्षकारों को मामले में दस्तावेजों के आदान प्रदान के लिए वक्त देते हुए कहा था कि वे अगली सुनवाई आठ फरवरी को बहस के लिए तैयार होकर आयें। कोर्ट ने कहा था कि उस दिन इस आधार पर सुनवाई स्थगित नहीं की जाएगी। कोर्ट ने सभी वकीलों से कहा था कि वे आपस में बैठ कर दस्तावेजों का आदान प्रदान कर लें और पक्षकार दस्तावेजों के बारे में एक कामन मैमोरेन्डम दाखिल करेंगे। रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि अगर उसे किसी कारणवश केस सुनवाई के लिए तैयार न लगे तो वह मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष (एडमिनिस्ट्रेटिव साइड में) पेश करेगी ताकि मुख्य न्यायाधीश रिकार्ड पूरा होने के लिए तिथि तय करें।
कोर्ट के इस आदेश पर अमल हुआ है। सभी पक्षकारों के एडवोकेट आन रिकार्ड की दो बार रजिस्ट्रार ज्युडिशियल वन के समक्ष बैठक हुई ताकि दस्तावेजों के आदान प्रदान की स्थिति साफ हो और अगर कोई कमी है तो वह तय तिथि से पहले पूरी कर ली जाए। इसके लिए पक्षकारों के वकीलों की पहली बैठक गत 22 जनवरी को रजिस्ट्रार के यहां हुई थी। इसके बाद 1 फरवरी को फिर बैठक हुई जिसमें हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के अपीलकर्ताओं के सभी वकीलों ने हिस्सा लिया। ज्यादातर ने कहा कि मामले से जुड़ी प्लीडिंग कम्पलीट हो गई हैं। बैठक में भाग लेने वाले एक मुस्लिम पक्षकार के वकील एमआर शमशाद ने कहा कि ज्यादातर प्लीडिंग पूरी है और केस सुनवाई के लिए तैयार है कुछ चीजों का ट्रांसलेशन आदि दाखिल होना है वो भी सुनवाई के दौरान हो जाएगा। हिन्दू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने भी बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेजों के आदान प्रदान और अनुवाद का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील ने कुछ दस्तावेजों के अनुवाद का मुद्दा बैठक में उठाया था जिस पर उन्हें बताया गया कि जिन दस्तावेजों का कोर्ट में हवाला दिया जाएगा उनका अनुवाद दाखिल कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की सूची में अयोध्या मामला आठ फरवरी को दोपहर दो बजे विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लगा है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायामूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ कर रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सिंतबंर 2010 को अयोध्या में विवादित जमीन तीन बराबर हिस्सों में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में बांटने का आदेश दिया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट में सभी पक्षों ने क्रास अपील दाखिल कर चुनौती दी है।