शरीर को बनाए निरोगी, नीम के पत्तों को सुबह खाली पेट खाने से खत्म होते हैं ये रोग
नीम को संस्कृत में अरिष्ट कहा जाता है। इसका मतलब होता है कभी न खराब होने वाला। नीम एक ऐसा पेड़ है जिसे लाखों दुखों की एक दवा कहते हैं।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। नीम शरीर के लिए अतिगुणकारी है। नीम को भारत में गांव का दवाखाना कहा जाता है। नीम का प्रयोग आयुर्वेद में पिछले चार हजार सालों से किया जा रहा है। नीम के तने, पत्ती, जड़, छाल और कच्चे फलों में अनेकों शक्ति वर्धक रासायन पाए जाते हैं। नीम की छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा संबधी बीमारी के लिए बहुत उपयोगी है।
नीम के सभी हिस्सों को औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। चैत्र माह में नीम के पेड़ में नई पत्तियां निकलती हैं। आयुर्वेद में कहा गया है, जो चैत्र माह में नीम की पत्तियों का सेवन करेगा। वो सालभर सैकड़ो बीमारियों से दूर रहेगा। कुछ लोग नीम के पत्तों को कच्चा ही चबातें हैं। वहीं, कुछ लोग पत्तों को पानी में उबाल कर नमक के साथ खाते हैं। पत्तों में विभिन्न जीवाणुरोधी रसायन होते हैं। बता दें की नीम के पत्तों को भारत से बाहर 34 देशों में निर्यात किया जाता है। अमेरिका में नीम को चमत्कारी वृक्ष कहा जाता है।
शहरों में तेजी से फैल रही मधुमेह (Diabetes) की बीमारी को दूर रखने के लिए, रोजाना नीम की एक छोटी गोली खाना बेहद ही फायदेमंद है। नीम की ये गोली पत्तों को पीस कर बनाई जाती है। जिसे सुबह खाली पेट खाना होता है। नीम के पेड़ की छाल का लेप भी शरीर में लगाया जाता है। नीम का लेप लगाने से शरीर के चर्म रोग को खत्म किया जाता है।
शुगर को दूर रखने में गुणकारी है नीम:
नीम की पत्तियों का सेवन करने से शरीर के अंदर हाइपोग्लाइसेमिक या ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। शुगर के कारण शरीर में होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। मधुमेह की रोगियों के लिए नीम अत्यंत गुणकारी है।
संक्रमण से निजात दिलाता नीम:
शरीर में फैल रहे संक्रमण को दूर करने के लिए नीम के पत्तों को पहले पानी में उबाल लें। नीम के पानी से ही रोजाना नहाए। इससे शरीर में फैल रहे फोड़े, फुंसी या छोटे छोटे दाने कम हो जाएंगे।
मलेरिया फैलाने वाले मच्छर को दूर भगाए नीम का धुंआ:
यदि आप बुखार से पीड़ित हैं। तो नीम की पत्तियों का बीमारी के दौरान उपयोग करें। नीम के पत्तों में मौजूद गैडुनिन (GEDUNIN) मलेरिया इलाज के लिए बहुत प्रभावी होता है। शाम के समय घर के बाहर व अंदर नीम के पत्तों को जला कर धुंआ करने से घर में मौजूद सारे मच्छर मर जाते हैं। जो कि मलेरिया से बचने के लिए बेहद आसान उपाय है।
गठिया का अचूक इलाज है नीम:
नीम के फलों और छालों का प्रयोग गठिया के इलाज लिए बहुत लाभकारी है। नीम के फल से निकाले गए तेल की मालिश करने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है। पीठ के निचले हिस्से पर ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए नीम की पत्तियों का लेप लगाए।
चेहरे में लगाए नीम के लेप, मुंहासों से रहे हमेशा दूर:
चेहरे में हो रहे मुंहासों को कम करने के लिए। नीम के पत्तों को पानी में उबाल लें। पानी को ठंडा होने के बाद चेहरे को दिन में तीन से चार बार धुलें। नीम के पत्तों को पेस्ट बनाकर भी चेहरे में लगाया जा सकता है। रोजाना ऐसा करने से आप का चेहरा हमेशा तरो ताजा बना रहेगा।