Health: दिल के लिए फायदेमंद है ऑफिस से छुट्टियां लेकर कहीं घूमने जाना
अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा वक्त निकालकर छुट्टियां लेना और कहीं घूमने जाना आपके दिल के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
नई दिल्ली, आइएएनएस/प्रेट्र। आजकल के जीवन में सभी लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या में उलझ चुके हैं। लोगों के पास अपनी सेहत को सुधारने का समय नहीं बच पा रहा है। ऐसे में लोगों के जीवन में तनाव बढ़ रहा है। लेकिन अगर आप एक स्वस्थ और तवानरहित जिंदगी चाहते हैं तो आपको थोड़ा वक्त निकालकर छुट्टियां लेकर कहीं घूमने जाने की जरूरत है। ये बात साबित हुई है एक वैज्ञानिक रिसर्च में। एक अध्ययन में पता चला है कि अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा वक्त निकालकर छुट्टियां लेना और घूमने जाना सिर्फ तनाव कम करने में ही नहीं, बल्कि दिल की सेहत दुरुस्त रखने में भी मददगार है।
विज्ञान पत्रिका साइकोलॉजी एंड हेल्थ में प्रकाशित हालिया अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ता ब्रायस रस्का के मुताबिक, ‘हमने पाया कि पिछले 12 महीनों के दौरान जिन लोगों ने समय-समय पर छुट्टियां बिताईं, उनमें दिल की बीमारियों के खतरे कम हो गए।’ इस अध्ययन के दौरान ऐसे 63 लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें छुट्टी (वेतन समेत) मिल सकती थी। इसके बाद 12 महीने तक छुट्टी लेने और छुट्टी बिताने के उनके तरीके पर अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों ने कहा कि नियमित रोजगार वाले करीब 80 फीसदी कर्मचारियों के पास छुट्टी लेने का विकल्प होता है, लेकिन आधे से भी कम लोग ही छुट्टियों का इस्तेमाल करते हैं।
तो आप भी अगर जीवन में तनाव को थोड़ा कम करना चाहते हैं, तो ऑफिस से छुट्टियां लेकर कहीं घूमने जाना बिल्कुल सही फैसला होगा। इससे ना सिर्फ आपका तनाव कम होगा बल्कि आपका दिल भी सेहतंद रहेगा।
नींद में दिल के दौरे पर नजर रखेगा एआइ डिवाइस
वहीं दूसरे एक शोध में वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो सोते समय भी व्यक्ति पर नजर रखेगा और कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में करीबियों को सूचित करेगा। कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में व्यक्ति अचानक कुछ भी करने में अक्षम हो जाता है। व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और वह हांफने लगता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि व्यक्ति की आवाज सुनकर काम करने वाले एआइ डिवाइस इस स्थिति में बहुत मददगार हो सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों ने डिवाइस को इस तरह से प्रोग्राम किया कि वह हांफने की आवाज को पहचानकर अस्पताल या किसी करीबी रिश्तेदार को सूचित कर सके। ऐसा होने से मरीज की मदद के लिए किसी के पहुंचने की उम्मीद बढ़ सकती है।
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