जनवरी से शुरू होगा कोरोना टीके का बड़े पैमाने पर निर्यात, 31 दिसंबर तक काफी हद तक पूरा हो जाएगा टीकाकरण अभियान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि आगामी जनवरी से भारत बड़े पैमाने पर कोरोना के टीके का निर्यात शुरू कर देगा। मंत्रालय का आकलन है कि 31 दिसंबर तक देश में टीकाकरण का अभियान काफी हद तक पूरा हो जाएगा...
नई दिल्ली, जेएनएन। आगामी जनवरी से भारत बड़े पैमाने पर कोरोना के टीके का निर्यात शुरू कर देगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि 31 दिसंबर तक देश में टीकाकरण का अभियान काफी हद तक पूरा हो जाएगा और उसके बाद भारत की वैक्सीन उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल दुनिया के अन्य देशों के लिए किया जाएगा। वैसे उत्पादन की तुलना में टीके की कम खपत को देखते हुए सरकार ने वैक्सीन मैत्री के तहत पड़ोसी देशों को टीके की सप्लाई शुरू कर दी है और ईरान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को पिछले हफ्ते पहली खेप भेजी भी जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर महीने में भारत में कुल 28 करोड़ डोज का उत्पादन होगा। इनमें 22 करोड़ डोज कोविशील्ड और छह करोड़ डोज कोवैक्सीन की होगी। इसके साथ ही 60 लाख डोज जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी का भी उत्पादन होगा। इसके अलावा लगभग 8.5 करोड़ डोज राज्यों के पास स्टाक में मौजूद हैं। नवंबर और दिसंबर में टीके के उत्पादन में और भी बढ़ोतरी होनी है।
इतनी बड़ी मात्रा के बावजूद अक्टूबर में टीकाकरण की सुस्त रफ्तार का कारण बताते हुए अधिकारी ने कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के जिस आयुवर्ग को टीका लगाया जा रहा है, उनमें से 73 फीसद से अधिक को पहला डोज लगाया जा चुका है और लगभग 30 फीसद लोग दोनों डोज ले चुके हैं। तीन-चौथाई वयस्क जनसंख्या को पहली डोज लगने के बाद इसकी रफ्तार धीमी होनी स्वाभाविक है। वहीं दूसरी डोज के लिए तय समय का इंतजार करना भी जरूरी है।
31 दिसंबर के बाद निर्यात खोलने की वजह पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि सरकार ने इसके पहले पूरी वयस्क आबादी के संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार को वैक्सीन की 188 करोड़ डोज की जरूरत है। यह भी तय माना जा रहा है कि वयस्क आबादी में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी होगी, जो वैक्सीन लेने से परहेज करेंगे। सरकार 31 दिसंबर तक उनका इंतजार करेगी और उसके बाद बची हुई डोज के हिसाब से निर्यात की अनुमति दी जाएगी। यही नहीं, जनवरी में बहुत लोग ऐसे बचे रहेंगे जिनको वैक्सीन को दूसरी डोज लगनी होगी। ऐसे लोगों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।