जानिए कैसे 4 आतंकियों को ढेर कर शहीद हुआ था यह जवान, अब मिलेगा अशोक चक्र
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का वीरता से मुकाबला करने के लिए हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
नई दिल्ली। अपने अदम्य साहस से 4 आतंकियों को ढेर कर शहीद होने वाले अरुणाचल प्रदेश के हंगपन दादा को इस साल मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति ने आज सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के सदस्यों के लिए 82 वीरता पुरस्कारों को अपनी मंजूरी दे दी। इनमें 1 अशोक चक्र, 14 शौर्य चक्र, 63 सेना पदक, 1 नौसेना पदक तथा 2 वायु सेना पदक प्रदान शामिल हैं।
इसी साल मई माह के दौरान जम्मू-कश्मीर के शमसाबरी रेंज में 13000 फुट की ऊंचाई वाले इलाके में तैनात हंगपन दादा ने पीओके की तरफ से घुसपैठ की कोशिश कर रहे भारी हथियारों से लैस आतंकियों से लगभग 18 घंटे तक मुकाबला करने के बाद 4 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था।
हंगपन दादा इस इलाके में शहीद होने से एक साल पहले ही तैनात हुए थे। मई माह के दौरान जब उन्होंने इस इलाके में आतंकियों की गतिवधियां देखी तो उन्होंने आतंकियों को मुठभेड़ के लिए ललकारने में जरा भी वक्त नहीं गवाया।
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कौन थे हंगपन दादा
- हंगपन दादा अरुणाचल प्रदेश में बोदुरिया गांव के निवासी थे।
- हंगपन दादा 1997 में सेना की असम रेजीमेंट में शामिल हुए थे और 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।
- जिस राइफल्स में वो तैनात थे वह बल अभी आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेता है।
- आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी के बीच अपने टीम के सदस्यों की जान बचाई थी।
- उनकी पत्नी का नाम चशेन लोवांग है। दादा के दो बच्चे हैं।
- एक बेटी है जिसका नाम राउखिन है और 6 साल का बेटा है जिसका नाम सेनवांग है।
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इन्हें मिलेगा शौर्य चक्र
9 पैरा पैरा स्पेशल फोर्सेस के कैप्टन पवन कुमार और कैप्टन तुषार महाजन को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। सेना के ये दोनों अधिकारी जम्मू कश्मीर के पंपोर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। वहीं पठानकोट हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।