सुगंधा के हौसलों को सलाम, पीटी ऊषा की तरह बनने का है सपना..
राष्ट्रीय स्तर की महिला धावक चुनौतियों से जूझते हुए अपने दम पर साई स्पोर्ट्स कालेज में दाखिला पा गई। शहर की अकेली राष्ट्रीय महिला धावक सुगंधा की प्रतिभा को सोनकपुर स्टेडियम को कोच ने तवज्जो नहीं दी।
मुरादाबाद, [जप्रकाश सैनी]। राष्ट्रीय स्तर की महिला धावक चुनौतियों से जूझते हुए अपने दम पर साई स्पोर्ट्स कालेज में दाखिला पा गई। शहर की अकेली राष्ट्रीय महिला धावक सुगंधा की प्रतिभा को सोनकपुर स्टेडियम को कोच ने तवज्जो नहीं दी। खुद के दम पर प्रतिभा को बढ़ाने का संकल्प लेकर सुगंधा ने सोनकपुर स्टेडियम छोड़कर रेलवे स्टेडियम में सेल्फ प्रैक्टिस की लेकिन इस खिलाड़ी को क्रीड़ा विभाग ने अपनी उपलब्धि के तौर भुनाने की कोशिश नहीं की।
जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर से लेकर अपनी उम्र से दोगुने पदक जीतने वाली इस महिला धावक को आगे बढ़ाने के लिए क्रीड़ा विभाग भी पंगु बना बैठा रहा लेकिन उसकी अपनी मेहनत रंग लाई। खुशहालपुर निवासी सोनकपुर स्टेडियम में आठ साल की उम्र से सोलह वर्षीय सुगंधा ने इसी वर्ष आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कालेज से 12वीं उत्तीर्ण किया है। उसने जिला, मंडल व प्रदेश में सौ मीटर से लेकर 800 मीटर तक में अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर जिला, मंडल स्टेट व राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत पदक जीते। लेकिन सुगंधा के पिता विजय सिंह व मां विनोद देवी अपनी बेटी की प्रतिभा की खातिर खुद लेकर दौड़ रहे हैं। लेकिन प्रदेश स्तर खेलों में चयन को उसके साथ स्टेडियम के कोच नहीं गए जबकि अपने खर्च पर क्रीड़ा विभाग की खिलाड़ियों को बाहर ले जाने की जिम्मेदारी है। हालत ये है कि स्टेडियम में महिलाओं का एथलेटिक्स शिविर होने के बावजूद भी यहां महिला खिलाड़ी अब नहीं हैं। कोच मुफ्त का वेतन ले रहे हैं।