हाथरस कांड ने झकझोरा, साबित हुआ कि महिलाओं के साथ गंभीर अपराधों पर नहीं लग रही रोक
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2018 के मुकाबले 2019 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2018 में महिलाओं के खिलाफ हुए 378236 अपराधों के मुकाबले साल 2019 में 405861 अपराध दर्ज किए गए।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दर्दनाक घटना ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है। इस घटना ने एक बार देश के राज्यों में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर सोचने को मजबूर कर दिया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले आंकडों पर बात करें तो ये तय है कि महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में जानकारों का ही हाथ होता है।
साल दर साल बढ़ रहे अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2018 के मुकाबले 2019 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2018 में महिलाओं के खिलाफ हुए 3,78,236 अपराधों के मुकाबले साल 2019 में 4,05,861 अपराध दर्ज किए गए। इस तरह प्रति एक लाख महिलाओं पर अपराध की दर 62.14 दर्ज की गई, महिलाओं पर अपराध की दर साल 2018 में 58.8 प्रतिशत थी। एक बात ये भी सामने आई कि महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए, इनकी संख्या 59,853 रही। असम में प्रति एक लाख महिलाओं पर सबसे ज्यादा अपराध की दर 177.8 फीसद दर्ज की गई।
दलित महिलाओं के साथ गंभीर अपराध
राजस्थान में दलित महिलाओं के साथ 554 गंभीर अपराध के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। वहीं सबसे बड़े उत्तर प्रदेश में 537 और मध्य प्रदेश में 510 मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख आबादी पर दलित महिलाओं के साथ गंभीर अपराध के मामलों की दर में 4.6 प्रतिशत के साथ केरल सबसे आगे है। उसके बाद 4.5 प्रतिशत के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान है।
देश के राज्यों में महिलाओं के साथ प्रतिदिन 87 गंभीर अपराध
2019 में भारत में महिलाओं के साथ गंभीर अपराध के कुल 31,755 मामले दर्ज किए गए, इस हिसाब से यदि रोजाना का औसत निकाला जाए तो प्रतिदिन 87 गंभीर मामले मामले सामने आए। सबसे ज्यादा राजस्थान में 5 हजार 997 मामले दर्ज किए गए। यूपी में 3,065 मामले और मध्य प्रदेश में 2,485 मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख आबादी के हिसाब से गंभीर अपराधों के मामलों की दर में भी राजस्थान सबसे आगे है, यहां पर इसका 15.9 प्रतिशत निकलता है। उसके बाद केरल (11.1) और हरियाणा का (10.9) नंबर आता है।
परिचित ही निकलते हैं अपराधी
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 30.9 प्रतिशत मामलों के आरोपी पति या उसके रिश्तेदार जिम्मेदार पाए गए। कुल 21.8 प्रतिशत मामले महिला की मर्यादा को भंग करने के इरादे से किए गए हमले के सामने आए। 17.9 प्रतिशत अपहरण के और 7.9 प्रतिशत मामले महिलाओं की मर्यादा भंग करने के सामने आए।
तेजाब से भी किए जा रहे हमले
चाहे राजधानी हो या देश का अन्य कोई हिस्सा, सभी जगह महिलाओं के साथ तरह-तरह अपराध होते रहते हैं। अपराधियों को जब महिलाओं से उनकी मनचाही चीज नहीं मिल पाती है तो वो उनके ऊपर तेजाब तक फेंकने से गुरेज नहीं करते हैं। देश में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। 2019 में पूरे देश में कुल 150 एसिड अटैक के मामले दर्ज किए, जिनमें से 42 उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए और 36 पश्चिम बंगाल में। दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, बिहार, बंगाल जैसे राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं।