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Hathras Case News: हाथरस जाने का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही हैं डॉ. बंसल, अलग-अलग बयानों से गुत्थी उलझी

हाथरस कांड में पीड़ि‍त परिवार के घर पर दो दिन रहने वालीं जबलपुर की डॉ. राजकुमारी बंसल संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही हैं। वह नहीं बता पा रही हैं कि इन हालात में पीड़ि‍ता के घर पर कैसे रुकीं? बगैर किसी परिचय के कैसे वहां तक पहुंच गई?

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 06:15 AM (IST)
Hathras Case News: हाथरस जाने का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही हैं डॉ. बंसल, अलग-अलग बयानों से गुत्थी उलझी
मध्य प्रदेश के जबलपुर की डॉ. राजकुमारी बंसल।

जबलपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। बहुचर्चित हाथरस कांड में पीड़ि‍त परिवार के घर पर दो दिन रहने वालीं मध्य प्रदेश के जबलपुर की डॉ. राजकुमारी बंसल कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही हैं। वह नहीं बता पा रही हैं कि इन हालात में पीड़ि‍ता के घर पर कैसे रुकीं? बगैर किसी परिचय के कैसे वहां तक पहुंच गई? उन्होंने खुद को पीड़ि‍ता की भाभी क्यों कहा? वहां नेताओं से क्यों मिलीं? 

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बगैर जानकारी दिए छुट्टी पर जाने से मेडिकल कॉलेज डीन ने भी दिया नोटिस 

तमाम सवालों पर उनके पास सिर्फ यही जवाब है कि समाज और मानवता के नाते वहां चली गईं। इस दौरान उन्होंने अनेक संगठनों, कुछ नेताओं और मीडिया से बात अवश्य की है। इधर, जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. प्रदीप कसार ने भी डॉ. बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है क्योंकि वह संस्थान से छुट्टी लिए बगैर ही हाथरस चली गई थीं। 

डॉ. राजकुमारी ने कहा- सारे आरोप निराधार, केवल मानवता के नाते हाथरस गई

डॉ. बंसल ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' को बताया कि वह तीन अक्टूबर को जबलपुर से रवाना हुई थीं। अगले दिन आगरा पहुंचीं। वहां से बस से हाथरस रवाना हुई। चार अक्टूबर को मीडिया और अन्य लोगों को एंट्री मिली तो उनके पीछे-पीछे पीड़ि‍ता के घर तक पहुंच गई। दो दिन पीड़ि‍त के स्वजन के घर में सदस्य की तरह रहीं। पांच अक्टूबर को रिजर्वेशन होने के बावजूद वहां रुक गई। वापस नहीं लौटीं। वहां मीडिया, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, दिल्ली से आई महिला संगठनों की सदस्यों, सपा व आप नेताओं से उनकी मुलाकात हुई। 

छह अक्टूबर को पीड़ि‍ता की भाभी ने कहा कि आपको परेशानी न हो, इसलिए चले जाइए। दोपहर दो बजे पीड़ि‍ता का भाई उनको बस स्टैंड तक छोड़ने गया था। डॉ. बंसल के अनुसार वहीं पर तहसीलदार और पुलिस ने उन्हें घेरकर पूछताछ की। 

 अलग-अलग बयानों से उलझी गुत्थी

डॉ. बंसल का कहना है कि पीड़ि‍ता के भाई ने उन्हें छह अक्टूबर को बस स्टैंड तक छोड़ा था, जबकि हाथरस पुलिस का कहना है कि वह मप्र में पंजीकृत गाड़ी से बस स्टैंड तक पहुंची थीं। हाथरस में मीडिया के सामने खुद को पीड़ि‍ता की भाभी बताती रहीं और जबलपुर लौटकर बोलीं कि पीड़ि‍त परिवार से हमदर्दी का रिश्ता है, सांत्वना देने गई थी। डॉ. बंसल का कहना है कि मैं पीड़ि‍त परिवार से मिलने गई थी, पुलिस को आशंका है कि वे भीम आर्मी से जुड़ी हैं। 

इंदौर और जबलपुर में की पढ़ाई 

ग्वालियर निवासी डॉ. राजकुमारी बंसल ने 2002 में मेडिकल कॉलेज, जबलपुर से एमबीबीएस और इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से पीजी किया। 2011 में उनके पति डॉ. इंदरदेव मेडिकल अस्पताल जबलपुर में पदस्थ हुए। इसके बाद उन्होंने जबलपुर के आसपास सरकारी अस्पतालों में नौकरी की। 2018 में पीजी करने के बाद मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में पदस्थ हुई। 

साथी डॉक्टर कुछ भी बताने से बच रहे

डॉ. राजकुमारी के साथी डॉक्टर इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। हालांकि यह बात अवश्य सामने आई है कि वह समाजसेवा से जुड़े अनेक कार्य करती रहती हैं। फोन टैप करने की उनकी शिकायत की साइबर सेल जांच कर रही है। 

उधर, जबलपुर के एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कहा कि हाथरस से लौटीं डॉ. बंसल पर लगे आरोपों की जानकारी मिली है, लेकिन कोई पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। उप्र पुलिस यदि जांच के लिए मदद मांगती है तो हम जरूर करेंगे।


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