चंड़ीगढ़ को चुनौती देगा नया रायपुर
आशुतोष झा, रायपुर से लौटकर। पर्यावरण को लेकर विश्वव्यापी चिंता के बीच छत्तीसगढ़ की नई राजधानी 'नया रायपुर' शहर एक मिसाल बन सकता है। दरअसल यह देश का ऐसा पहला शहर होगा जो चारों ओर से 500 मीटर चौड़ी हरित पंट्टी से घिरा होगा। आबादी और पर्यावरण का सामंजस्य इतना दुरुस्त होगा कि आवासीय भूभाग से कुछ ज्यादा जमीन पेड़ों के लिए होगी और प्रति व्यक्ति इस शहर में दस पेड़ लहलहा रहे होंगे। संभव है कि आने वाले समय में देश के सबसे ग्रीन और सुनियोजित सिटी चंडीगढ़ को नया रायपुर से चुनौती मिले।
आशुतोष झा, रायपुर से लौटकर। पर्यावरण को लेकर विश्वव्यापी चिंता के बीच छत्तीसगढ़ की नई राजधानी 'नया रायपुर' शहर एक मिसाल बन सकता है। दरअसल यह देश का ऐसा पहला शहर होगा जो चारों ओर से 500 मीटर चौड़ी हरित पंट्टी से घिरा होगा। आबादी और पर्यावरण का सामंजस्य इतना दुरुस्त होगा कि आवासीय भूभाग से कुछ ज्यादा जमीन पेड़ों के लिए होगी और प्रति व्यक्ति इस शहर में दस पेड़ लहलहा रहे होंगे। संभव है कि आने वाले समय में देश के सबसे ग्रीन और सुनियोजित सिटी चंडीगढ़ को नया रायपुर से चुनौती मिले।
नया रायपुर में हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंत्रालय भवन का उद्घाटन किया है। तकरीबन 8000 हेक्टयर क्षेत्र में फैले नया रायपुर शहर को पूर्ण विकसित होने में तो अभी वक्त है। योजना के अनुसार 2030 तक इस नए शहर में पांच लाख लोगों को बसाया जाना है। फिलहाल शासन और प्रशासन से जुड़े तंत्र को यहां स्थापित किया जा रहा है।
नए शहर की परिकल्पना मन मोहती है। सही मायने में धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ को यह शहर एक नई पहचान भी दे सकता है। दरअसल इस शहर के अंदर ही एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित जंगल सफारी तैयार किया जा रहा है। 222 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहे इस सफारी में लगभग 50 हेक्टेयर का जल क्षेत्र भी शामिल होगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जानकारी दी कि लगभग 250 करोड़ रुपये के खर्च से बन रहे इस सफारी को वन्य प्राणियों की जीवन शैली के हिसाब से बांटकर विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रति दिन दस हजार पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे।
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