हर्षवर्धन ने कहा, खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ईट राइट इंडिया मूवमेंट के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की तरफ बढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने अन्य संबंधित मंत्रालयों से अपील की कि साझा उद्देश्य और रणनीति तय करने के लिए साझा मंच बनाएं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 'ईट राइट इंडिया मूवमेंट' के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की तरफ बढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने अन्य संबंधित मंत्रालयों से अपील की कि साझा उद्देश्य और रणनीति तय करने के लिए साझा मंच बनाएं। हर्षवर्धन ने 'ईट राइट इंडिया मूवमेंट' के विजन 2050 को हासिल करने के लिए आयोजित एफएसएसएआइ और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने भारत में खाद्य पदार्थो से होने वाली बीमारियों के आíथक बोझ का संज्ञान लिया। बयान के अनुसार, हर्षवर्धन ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की तरफ बढ़ने के लिए संबंधित मंत्रालयों को एकजुट होना चाहिए। साझा मंच बनाकर साझा लक्ष्य और रणनीति बनाई जा सके और उसी मुताबिक उनके कार्यो में समन्वय लाया जा सके।
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने आयुष स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल जारी किया था।
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल रिलीज किया था। इससे पहले हर्षवर्धन ने कहा था कि देश में कोरोना वैक्सीन की 40 से 50 करोड़ खुराक आने और 20 से 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाने का अनुमान है। टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों से अक्टूबर के आखिर तक प्राथमिकता सूची लेने के लिए फॉर्मेट तैयार हो रहा है। सोशल मीडिया फॉलोअर्स
के साथ 'संडे संवाद' प्लेटफॉर्म पर चर्चा के दौरान टीकाकरण से जुड़ी कई जानकारियां साझा कर रहे थे तभी उन्होंने यह भी जानकारी दी थी। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ के कई बड़े अधिकारी भी शामिल हुए। दुनियाभर में व्याप्त कोरोना संकट को लेकर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया के लिए चिकित्सीय, निदान और वैक्सीन ही हमें इस महामारी से बाहर निकाल सकती है। इस कोरोना माहामरी के संकट की घड़ी में वैश्विक सहयोग सर्वोपरि है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आपातकालीन तैयारियों और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना होगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करना ही हमारी सफलता है।