तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे के निजीकरण का विरोध आधारहीन : हरदीप सिंह
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा विरोध आधारहीन है।
नई दिल्ली, एएनआइ। तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे को पीपीपी मॉडल के तहत 50 साल के पट्टे पर देने का विरोध करने वाली केरल सरकार को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब दिया है। गुरुवार को ट्वीट कर उन्होंने पूरी प्रक्रिया की जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा विरोध आधारहीन है। वह तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे की बोली प्रक्रिया की अर्हता नहीं रखती। इसे पारदर्शी ढंग से अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि बोली में प्रति यात्री 168 रुपये शुल्क का जिक्र था।
Parallel narratives can be no match for facts.
A campaign has been launched against the decision to privatise the Thiruvananthapuram airport.
Here are the facts.— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 20, 2020
वहीं केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआइडीसी) ने प्रति यात्री 135 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी। अडानी एंटरप्राइजेज ने छह हवाई अड्डों के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। पुरी ने कहा कि केरल सरकार को आरओएफआर (पहले खारिज करने का अधिकार) दिया गया था। फिर भी वह पारदर्शी तरीके से हुई बोली प्रक्रिया के लिए अर्हता प्राप्त नहीं कर सकी।
केंद्रीय कैबिनेट ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए लीज पर देने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। इससे पहले जुलाई, 2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने अहमदाबाद, मेंगलुरु और लखनऊ हवाई अड्डों को अडाणी एंटरप्राइजेज को लीज पर देने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी थी।