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2030 तक भारत को हर साल बनाना होगा एक नया शिकागो: पुरी

1947 में भारत की आजादी के समय शहरी क्षेत्रों में महज 17 फीसद आबादी ही शहरी क्षेत्र में रहती थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 03:25 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 03:46 PM (IST)
2030 तक भारत को हर साल बनाना  होगा एक नया शिकागो: पुरी
2030 तक भारत को हर साल बनाना होगा एक नया शिकागो: पुरी

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। केंद्रीय आवास व शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि भारत की जो मौजूदा हालत है, उसके हिसाब से 2030 तक हर साल एक नया शिकागो बनाना होगा। हाई लेवल पॉलिटिकल फोरम (एचएलपीएफ) में उन्होंने कहा कि विकास के मामले में भारत अपने लक्ष्य को समग्र तौर पर हासिल करेगा और इसमें मानवाधिकारों का पूरी ख्याल रखा जाएगा।

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अभी देश की आबादी 120 करोड़ है और इसमें से 30 फीसद लोग शहरी इलाकों में रहते हैं। आजादी के समय यह दर 17 फीसद थी, लेकिन अनुमान है कि 2030 तक 40 फीसद से ज्यादा लोग शहरी इलाकों में बस जाएंगे। अगर विकास को सतत रखना है तो इस लिहाज से भारत को हर साल एक नया शिकागो तैयार करना होगा।

गौरतलब है कि शिकागो अमेरिका का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है। न्यूयार्क व लास एंजिल्स के बाद सबसे ज्यादा 27 लाख लोग यहां पर रहते हैं। शहर का कुल इलाका 606.4 किमी है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि 2030 की जरूरतों के मद्देनजर अभी भारत के पास पर्याप्‍त अधारभुत संरचना नहीं है। पूरी ने कहा कि 'अभी महज इस लक्ष्‍य का तीस फीसद हिस्‍सा ही विकसित किया जा सका है। 70 फीसद कार्य अभी शेष है।'

इस मौके पर पुरी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू प्रमुख कार्यक्रम एक ही दिशा में सतत आगे बढ़ रहे हैं, ताकि भारत 2030 के लक्ष्‍य को हासिल करने में सफल हो सके। उन्‍होंने मंच को बताया कि भारत सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय योजनाओं को लागू कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में शहरी क्षेत्रों के लिए सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने में जटिल चुनौतियों और जटिल पारिस्थितिक तंत्र का सामना करना पड़ रहा है।


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