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Harassment allegations against CJI: जांच कमेटी के समक्ष फिर पेश हुई शिकायतकर्ता महिला

मुख्य न्यायाधीश गोगोई पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी सोमवार को फिर आंतरिक जांच कमेटी के समक्ष पेश हुई।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 11:52 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 11:52 PM (IST)
Harassment allegations against CJI: जांच कमेटी के समक्ष फिर पेश हुई शिकायतकर्ता महिला
Harassment allegations against CJI: जांच कमेटी के समक्ष फिर पेश हुई शिकायतकर्ता महिला

माला दीक्षित, नई दिल्ली।Harassment allegations against CJI, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी सोमवार को फिर आंतरिक जांच कमेटी के समक्ष पेश हुई। आंतरिक जांच कमेटी ने सोमवार को दोपहर बाद कई घंटे मामले में सुनवाई की।

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शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि जब वह मुख्य न्यायाधीश के आवास स्थित दफ्तर में काम करती थी उस समय दो बार उसके साथ अमर्यादित व्यवहार हुआ था। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महिला की शिकायत की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन न्यायाधीशों की आंतरिक जांच समिति बनाई है जो कि आजकल मामले की सुनवाई कर रही है। जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एसए बोबडे व दो महिला न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी व इंदू मल्होत्रा हैं। गत शुक्रवार के बाद सोमवार को मामले पर फिर सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट परिसर के बजाए सुप्रीम के गेस्ट हाउस में इन चैम्बर (बंद कमरे) में चल रही है।

सोमवार को करीब तीन बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई और रात पौने आठ बजे तक सुनवाई जारी थी। कमेटी ने कई घंटे लगातार सुनवाई की। जिसमे शिकायतकर्ता महिला पेश हुई। इसके अलावा सेक्रेट्री जनरल और सुप्रीम कोर्ट के कई अधिकारी भी वहां पहुंचे थे। इस तरह के मामलों की सुनावई इन चैम्बर ही होती हैं और उसका कोई ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया जाता। जहां सुनवाई हो रही है वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

इस मामले में पहले जो तीन सदस्यीय जांच समिति गठित हुई थी उसमें जस्टिस एनवी रमना भी शामिल थे लेकिन शिकायतकर्ता महिला की ओर से उनके जांच समिति में शामिल होने को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद जस्टिस रमना ने स्वयं को समिति से अलग कर लिया था।

महिला का कहना था कि जस्टिस रमना मुख्य न्यायाधीश के अभिन्न मित्र हैं और उनके घर अक्सर आते जाते हैं। हालांकि जस्टिस रमना ने कहा था कि वह शिकायतकर्ता की आपत्तियों के कारण नहीं बल्कि राष्ट्र को न्यायपालिका की पवित्रता के बारे में संदेश देने के लिए स्वयं को जांच समिति से अलग कर रहे हैं। न्यायपालिका की पवित्रता और भरोसा कायम रखने के लिए वह किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। जस्टिस रमना के स्वयं को अलग कर लिये जाने के बाद जांच समिति में जस्टिस इंदू मल्होत्रा को शामिल किया गया है।

मालूम हो कि एक वकील उत्सव बेंस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया है कि मुख्य न्यायाधीश को अमर्यादित आचरण के आरोप में फंसाने के पीछे बड़ी साजिश है। इस साजिश में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व कर्मचारी और फिक्सिंग में शामिल कारपोरेट लाबी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बेंस के हलफनामे में लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एके पटनायक को सौंप दी थी। जस्टिस पटनायक ने गत शुक्रवार को ही साफ कर दिया था कि वह इस मामले की जांच मुख्य न्यायाधीश पर लगे अमर्यादित आरोपों की आंतरिक जांच कमेटी द्वारा चल रही जांच पूरी होने के बाद शुरू करेंगे।


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