Har-Ghar Tiranga: तिरंगे को दिन-रात फहराये जाने की अनुमति मिलने के बाद नवीन जिंदल ने जताई खुशी, जानिए क्या है नया नियम
नवीन जिंदल ने कहा यह एक बहुत ही प्रगतिशील निर्णय है। भारतीय ध्वज संहिता में यह संशोधन निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को वर्ष के सभी दिनों में सम्मान और गर्व के साथ तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
नई दिल्ली, एजेंसी। फ्लैग फाउंडेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने भारतीय ध्वज संहिता 2002 में नवीनतम संशोधन का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार की सराहना की और इसे एक प्रगतिशील निर्णय बताया। इसके तहत अब एक आम नागरिक अपने घर और कार्यालय पर 24 घंटे यानि दिन-रात राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। इससे पहले सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ही झंडा फहराने की अनुमति थी। सरकार का यह कदम तब आया है जब वह आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाने जा रही है।
जिंदल ने कहा कि भारतीय ध्वज संहिता में यह संशोधन निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को वर्षभर सम्मान और गर्व के साथ तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे हर घर तिरंगा अभियान को भी बढ़ावा देगा। बता दें कि जिंदल द्वारा लड़ी गई एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में प्रत्येक नागरिक को सम्मान और गरिमा के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति प्रदान की थी।
कांग्रेस के पूर्व सांसद और फ्लैग फाउंडेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष ने आगे कहा, 'यह एक बहुत ही प्रगतिशील निर्णय है। भारतीय ध्वज संहिता में यह संशोधन निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को वर्ष के सभी दिनों में सम्मान और गर्व के साथ तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और 'हर घर तिरंगा अभियान' को भी बढ़ावा देगा। जय हिंद।'
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दी जानकारी
सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है। पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 को एक आदेश के जरिए संशोधित किया गया। भारत के ध्वज संहिता, 2002 के भाग- II के पैराग्राफ 2.2 के खंड (xi) को अब निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: (xi) 'जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, उसे दिन-रात फहराया जा सकता है।'
जानिए पहले क्या था नियम
इससे पहले, चाहे मौसम कोई भी हो, तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। इसी तरह, भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के भाग- I के पैराग्राफ 1.2 को अब इस प्रकार पढ़ा जाएगा: "राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता (Spun) और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने, कपास / पालिएस्टर / ऊन / रेशम खादी बंटिंग से बना होगा।' पहले मशीन से बने और पालिएस्टर के झंडे के इस्तेमाल की अनुमति नहीं थी।