जासूसी का खेल भारत-पाकिस्तान की शांति के लिए खतरा
इस्लामाबाद का यह जासूसी खेल दक्षिण एशिया के इन पड़ोसी देशों के लिए शांति की संभावनाएं तलाशना भी मुश्किल कर रहा है।
वॉशिंगटन(एजेंसी)। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत की ओर से मौत की सजा सुनाने की घटना की आलोचना करते हुए कहा कि इस्लामाबाद का यह जासूसी खेल दक्षिण एशिया के इन पड़ोसी देशों के लिए शांति की संभावनाएं तलाशना भी मुश्किल कर रहा है।
हक्कानी ने कहा कि जासूसी के लिए जाधव की दोषसिद्घि ज्यादा विश्वसनीय लगती अगर यह खुली सुनवाई के बाद सुनाई गई होती। हालांकि पाकिस्तान के साथ सुनवाई की अल्प व गोपनीय समयसीमा का ज्यादा लेना-देना आंतरिक आयाम से रहा होगा न कि मामले की गंभीरता से। हक्कानी वर्तमान में हडसन इंस्टीट्यूट में दक्षिण व पश्चिम एशिया के निदेशक हैं।
इससे पहले पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा था कि यदि भविष्य में अमेरिका में कोई बड़ा आतंकी हमला होता है तो यह अमेरिका अौर पाकिस्तान के संबंधों के लिए बहुत बुरा होगा। उन्होंने पाकिस्तान को इसके लिए आगाह करते हुए कहा है कि यदि ऐसा हुआ तो अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ पीस में हुई इस बातचीत में मौजूद अमेरिका में दक्षिण एशिया मामलों की जानकार लीजा कर्टिस ने भी इस बात से इत्तफाक जताया है। उनका भी मानना है कि यदि अमेरिका में दोबारा काेई आतंकी हमला होता है और यदि इसका संबंध पाकिस्तान से निकला तो पाकिस्तान को बेहद बुरे दौर से गुजरना होगा।
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