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Shah Rukh Khan के प्रशंसको में 95 साल की 'मनोरमा आचार्य', दीवानगी की कोई उम्र नहीं

Happy Birthday Shah Rukh Khan टीम शाहरुख खान फैन क्लब के संस्थापकों में शामिल उड़ीसा से ताल्लुक रखने वाले गुलशन जेना फिल्म ‘वीर जारा’ देखकर बादशाह खान के मुरीद हो गए थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 01:55 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 01:58 PM (IST)
Shah Rukh Khan के प्रशंसको में 95 साल की 'मनोरमा आचार्य', दीवानगी की कोई उम्र नहीं

स्मिता श्रीवास्तव। Happy Birthday Shah Rukh Khan किंग खान की बादशाहत हिंदी सिनेमा के साथ सोशल मीडिया पर कायम है। सोशल मीडिया पर उनके अनेक फैन क्लब भी हैं। उसपर उनसे संबंधित जानकारी अपडेट होती रहती हैं। कलाकार को स्टार बनाने में उसके प्रशंसकों की अहम भूमिका होती है। टीम शाहरुख खान फैन क्लब के संस्थापकों में शामिल उड़ीसा से ताल्लुक रखने वाले गुलशन जेना फिल्म ‘वीर जारा’ देखकर बादशाह खान के मुरीद हो गए थे। वह वेब डेवलेपर हैं। वह बताते हैं कि तीन लोगों ने मिलकर यह फैन क्लब बनाया है। इनमें अर्पण डे कोलकाता से जबकि चांदनी चटर्जी कैलीफोर्निया से हैं।

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हमने साल 2013 में इस फैन क्लब की स्थापना की। इसके बाद हमने शाहरुख खान पेज बनाया। हमने निर्णय लिया कि इस पेज पर हम शाह रुख की हर रोजाना की खबरें और उनकी दैनिक दिनचर्या पोस्ट करेंगे। उस समय हम तीनों सक्रिय रहकर शाह रुख की रोजाना जिंदगी के अलावा उनकी पुरानी चीजें भी इस पेज पर साझा करते थे।

हमारा फैन क्लब बनाने का मकसद यही है कि शाहरुख से जुड़ी जानकारी और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में उनके प्रशंसक भी जाने। शाहरुख मनोरंजन के अलावा कई सामाजिक कार्यों में भी बढ़कर चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह उनके प्रशंसकों को प्रेरणा भी देता है। इस फैन क्लब से हम शाह रुख खान की अच्छाई और उनके सामाजिक कामों को लोगों तक पहुंचाते हैं। जिससे लोगों को कुछ अच्छा करने की प्रेरणा मिले। अब तो करीबन 15 अलग अलग शहरों में हमारा फैन क्लब की शाखा भी खुल गई है। दुबई, कुवैत, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों में हमारी अंतराष्ट्रीय शाखाएं भी हैं। हमारे क्लब के सदस्य हर जगह सक्रिय रहते हैं। हम हर महीने अपने सद्स्यों के साथ मिलकर देश के अलग अलग शहरों में समाज सेवा करते रहते हैं।

फैन क्लब के सदस्य रवींद्र कांबले ‘डर’ फिल्म देखने के बाद शाहरुख के फैन बनें। उसके बाद साल 2000 तक उन्होंने शाहरुख के करीब पच्चीस हजार फोटोग्राफ जमा किए थे। वह बताते हैं कि उनकी हर फिल्म आने के बाद मैं उस फिल्म की डिजाइन के दो कपड़े जरूर बनवाता हूं। यह कपड़े फिल्म के ट्रेलर, पोस्टर या किसी मुख्य दृश्य पर आधारित होते हैं। हाल ही में मैंने फिल्म जीरो के कॉस्ट्यूम सिलवाए थे। हमारे क्लब का यह मकसद नहीं होता कि हम जो समाज सेवा कर रहे हैं वह शाह रुख खान को पता चले। फिल्म का डायलाग है कि एक हाथ से दान करो तो दूसरे हाथ को पता नहीं चलना चाहिए। हम भी उसी सिध्दांत पर समाज सेवा करते हैं। हम दूसरे फैन क्लब पर सोशल मीडिया के जरिए नजर रखते हैं जिससे हम यह तय कर सके कि समाज सेवा के लिए हम और लोगों से क्या बेहतर और नया कर सकते हैं। मैं शाह रुख खान के जन्मदिन पर हर साल उनके बंगले मन्नत पर जाता हूं। पुणे में मेरा एक बैंड है उनके जन्मदिन पर दो महीने के लिए मेरा बैंड उन्हीं को समर्पित रहता है। मैं दो महीने एसआरके बीट्स नाम से सिर्फ शाह रुख के ही गाने बजाता हूं।

नेपाल में रह रहे रॉबिन दहल शाहरुख खान के बड़े फैन हैं। वह बताते हैं मजेदार बात यह है कि दो साल पहले मैंने जिस लड़की से शादी की वह भी शाह रुख की फैन है। हमारी मुलाकात शाहरुख खान की वजह से ही हुई थी। हम लोग नेपाल में एक टीम एसआरके नेपाल नाम का फैन क्लब चलाते हैं मैं उसका एडमिन हूं। हमारी टीम ने देश भर में शाहरुख खान के प्रशंसको के लिए उनकी फिल्म जब हैरी मेट सेजल का पहले दिन पहला शो रखा था। जिसमें हमने देश भर के शाह रुख प्रशंसकों को आमंत्रित किया था। वहीं पर मैं अपनी पत्नी से पहली बार मिला। हम दोनों अपना समय शाह रुख की तस्वीरों से अपना घर सजाने में बिताते हैं। हम उनकी तस्वीरों को अखबार, सीडी कवर जहां भी पाते हैं वहां से इकट्ठा करते हैं। मेरे लिए शाहरुख की सभी तस्वीरें बेशकीमती हैं। इनका कोई मोल नहीं है।

यह नेपाल का सबसे बड़ा शाह रुख खान फैन क्लब पेज है। इस पेज के जरिए देश भर के लाखों शाह रुख फैन एक दूसरे से जुड़े हैं। हम सब शाह रुख के नाम पर चैरिटी इवेंट करते हैं। 15 दिनों पहले हमने एक 14 वर्षीय एसिड पीड़ित लड़की जेनी खडका के लिए पैसे इकट्ठा िकए हैं। उस पर उसके पति ने ही तेजाब फेंका था। हमने लक्ष्मी पूजा के दिन एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें हमने 18060 नेपाली रुपये इकट्ठा किए थे। इस राशि को हम शाह रुख खान के जन्मदिन पर जेनी को देंगे। टीम शाह रुख खान के सदस्य संकेत बताते हैं कि पिछले साल एचआइवी पीड़ित लड़की के इलाज का खर्च शाह रुख खान ने उठाया था। उसकी पहुंच हमने शाह रुख तक बनाई थी। इस तरह के सामाजिक कार्यों को करना हमारा लक्ष्य होता है।

‘मन्नत’ में शाह रुख की झलक पाने की होती है हसरत

किंग खान शाहरुख खान के जन्मदिन पर उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में प्रशंसक उनके घर के बाहर इंतजार करते हैं। उम्र, भाषा, संस्कृति और मजहब की विविधता के बावजूद इनमें सिर्फ एक समानता है, वह है शाह रूख के प्रति दीवानगी और अपनी पसंदीदा एक्टर की एक झलक की आस। आम दिनों में भी शाह रूख के बांद्रा स्थित बंगले ‘मन्नत’ के बाहर तस्वीरें खिंचवाने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में प्रशंसक आते हैं। शाह रुख की झलक न मिलने की सूरत में उनके बंगले के बाहर फोटो खिंचाकर भी लोग खुशी के अहसास से सरोबर हो जाते हैं।

मुंबई आकर सबसे पहले मन्नत आता हूं

महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले 24 वर्षीय लक्ष्मीकांत मनियार मुंबई आने के बाद सबसे पहले शाह रुख के बंगले मन्नत को देखने जाते हैं। हर बार लक्ष्मीकांत की यही आशा होती है कि शायद आते-जाते शाह रुख उन्हें िदख जाएं। साल 2016 में लक्ष्मीकांत शाह रुख के जन्मदिन के दिन उनसे मिलने की आस में सुबह 7 बजे से शाम के 4 बजे तक उनके बंगले के सामने खड़े रहें। लेकिन बदकिस्मती से उस दिन शाह रुख शाम के 7 बजे के करीब अपनी बालकनी पर आए, और लक्ष्मीकांत को उस दिन भी बिना अपने पसंदीदा एक्टर से मिले लौटना पड़ा। लक्ष्मीकांत इस बार भी शाह रुख के जन्मदिन पर मन्नत पर जाएंगे। ‘मोहब्बतें’ और ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ लक्ष्मीकांत की पसंदीदा फिल्में हैं, वह इन फिल्मों को कई दफा देख चुके हैं।

विदेशी भी फोटो खिचाने को बेताब

शाहरुख खान के बंगले ‘मन्नत लैंड्स इंड’ के बाहर तस्वीरें खिंचवाने के लिए सिर्फ भारतीय प्रशंसक ही नहीं विदेशी प्रशंसक भी आते हैं। इंग्लैंड से आए एल्फ और लुइस ने भी मन्नत के सामने तस्वीरें ली। हालांकि उन्होंने अभी तक शाह रुख की कोई फिल्म नहीं देखी है लेकिन एल्फ और लुइस को पता था कि शाह रुख देश के सुपस्टार हैं। उन दोनों ने लोगों से शाह रुख की कुछ अच्छी फिल्मों का सुझाव भी मांगा और अपने वतन लौटकर शाह रुख की फिल्में देखने की इच्छा जताई। इसके अलावा दिन में कई विदेशी मन्नत के सामने अपनी तस्वीरें खिंचवाते हैं।

दीवानगी की उम्र नहीं

शाहरुख खान के प्रशंसको में 95 साल की मनोरमा आचार्य का नाम भी शुमार है। उड़ीसा से आई मनोरमा उम्र ज्यादा होने के कारण ज्यादा चल नहीं पाती हैं। विशेष आग्रह पर शाह रुख के बंगले पर उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने मनोरमा की गाड़ी को मन्नत के गेट के बाहर खड़ी करने की इजाजत दे दी। इसकी बाद मनोरमा गाड़ी से उतरी और अपने पसंदीदा अभिनेता शाहरुख खान के बंगले के सामने तस्वीरें खिंचवाई। बात करने पर मनोरमा ने बताया कि वो अपने समकालीन अभिनेताओं दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की प्रशंसक हैं। घर में बच्चों के साथ वह भी शाह रुख की फिल्में देखने लगी। धीरे-धीरे बच्चों के साथ वह शाह रुख की फैन हो गई। ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ मनोरमा की पसंदीदा फिल्में हैं।

‘सर्कस’ से बने प्रशंसक

हाल में दिल्ली से आए सुरेंद्र कुमार गढ़ी शाहरुख खान के बड़े फैन हैं। शाह रुख के प्रति उनकी दीवानगी टीवी धारावाहिक सर्कस से पैदा हुई। इसके बाद से सुरेंद्र शाह रुख खान की हर फिल्में देखते हैं। सुरेंद्र बीते 25 वर्षों से अपने पसंदीदा एक्टर शाह रुख खान से मिलना चाहते थे। लेकिन शाह रूख से उनकी मुलाकात न हो सकी, मुलाकात की आस में सुरेंद्र दिल्ली से मुंबई आए और शाहरुख खान के बंगले पर गए। यहां उनकी मुलाकात शाह रुख तो से न हो सकी लेकिन शाहरुख के घर के सामने फोटो खिंचवा कर ही उन्हें खुशी मिली।

दीपेश पांडे


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