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VIDEO: चंचल ने दिव्यांगता को बनाई अपनी ताकत एक पैर किया धमाकेदार डांस

कहा जाता है कि जिनके अंदर आत्मविश्वास होता है, दुनिया में इतिहास वही रचता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं चंचल।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 09:02 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 09:15 PM (IST)
VIDEO: चंचल ने दिव्यांगता को बनाई अपनी ताकत एक पैर किया धमाकेदार डांस
VIDEO: चंचल ने दिव्यांगता को बनाई अपनी ताकत एक पैर किया धमाकेदार डांस

मोहम्मद इम्तियाज अंसारी, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कुरुद की रहने वाली चंचल सोनी के हौसले को देखकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। जन्म से दिव्यांग की छाप के साथ जीवन में आगे बढ़ने वाली चंचल इन दिनों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने हुनर का जलवा बिखेरना शुरू कर दिया है। कहा जाता है कि जिनके अंदर आत्मविश्वास होता है, दुनिया में इतिहास वही रचता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं चंचल।

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लगन देखकर आश्चर्य में हैं लोग
चंचल शासकीय माध्यमिक शाला डांडेसरा में छठवीं की छात्रा हैं। एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद डांस के प्रति उनकी लगन देखकर लोग आश्चर्य में रह जाते हैं। चंचल ढाई वर्ष की उम्र से डांस कर रही हैं। उनके पैरेन्ट्स का कहना है कि जब वह छोटी थी तभी से मोबाइल, टीवी पर देखकर डांस के लिए जिद करती थीं। चंचल अब दस साल की हो गई हैं। इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि नेशनल लेबल डांस एवं म्यूजिक चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल करना रही है। हाल ही में इसका सलेक्शन इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में हुआ है।

       

यूट्यूब को बना लिया सीखने का जरिया
चंचल ने यूट्यूब को ही डांस टीचर बना लिया। उनकी मां बताती हैं कि बाहर वालों के डर से इसे घर से बाहर नहीं जाने देते थे। लोग अक्सर इसकी दिव्यांगता का मजाक उड़ाया करते थे। लोगों की बातों को सुनकर कई बार यह बेहद व्यथित होती और रो पड़ती। डांस सीखने के लिए इसने मोबाइल पर यूट्यूब का सहारा लिया। डांस वीडियोज देखकर डांस करती रही। ढाई साल की उम्र में पहली बार स्कूल के स्टेज पर डांस किया था। इसके टीचर काफी खुश हुए थे और प्रोत्साहित किया। वर्तमान में ट्रेनर दिपाली राजपूत के पास डांस सीखने जाती है।

मां को है भरोसा, नाम रौशन करेगी बेटी
चंचल की मां मंजू सोनी का कहना है कि हौसला बुलंद हो तो निगाहें एहतराम करती हैं, राही राह न बदले तो मंजिलें झुककर सलाम करती हैं। मेरी बेटी की मेहनत और लगन देखकर मुझे पूरा भरोसा है कि यह एक दिन इतिहास जरूर रचेगी। भगवान ने जब इसे एक ही पैर देकर धरती पर भेजा था, उस वक्त मेरी रातों की नींद गायब हो गई थी। भगवान ने एक पैर नहीं दिया तो क्या हुआ, हौसला जरूर दिया है।


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